पिछले कुछ दशकों से भारत–चीन के रिश्ते तनावपूर्ण रहे : राजीव रंजन

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पटना, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने मंगलवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के चीन दौरे पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से भारत और चीन के रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं। खासकर दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव रहा है।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में मतभेद रहे हैं, इनमें सबसे बड़ा मुद्दा लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसी सीमावर्ती इलाकों में सीमा रेखा का निर्धारण शामिल है।”

उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, पिछले कुछ महीनों में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। सीमा पर जो तनाव और सैन्य टकराव की स्थिति बन गई थी, वह अब धीरे-धीरे घट रही है। दोनों देशों ने अपनी सेनाओं की वापसी के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और सीमा पर गश्ती गतिविधियों को लेकर जो प्रतिबंध थे, उन्हें फिर से बहाल किया गया है। इससे यह संकेत मिलता है कि दोनों पक्ष शांति की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए सहमत हैं।”

उन्होंने कहा, “इसके साथ ही व्यापारिक दृष्टिकोण से भी भारत और चीन के रिश्तों में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। भारत और चीन के बीच व्यापार का स्तर बहुत बड़ा है। चीन भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है और इसके परिणामस्वरूप भारत के बाज़ार की भूमिका बढ़ गई है। भारत का यह बाजार अब चीन के लिए भी एक महत्वपूर्ण और आकर्षक बन चुका है। इसके अलावा, व्यापारिक रिश्तों में सुधार से दोनों देशों के लिए आर्थिक समृद्धि के द्वार खुलने की संभावना है।”

उन्होंने कहा, “भारत और चीन दोनों ही राष्ट्र विकासशील अर्थव्यवस्थाएं हैं और उनके रिश्तों में सुधार से दोनों देशों को एक-दूसरे के बाजारों, संसाधनों और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने का मौका मिलेगा। इन परिवर्तनों के चलते न केवल दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे पूरे एशिया में शक्ति संतुलन में भी सकारात्मक बदलाव आ सकता है।”