महाकुंभ नगर, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। महाकुंभ में पहली बार श्रद्धालुओं के साथ साथ वन्य जीवों और वन वनस्पतियों के भी हितों का ध्यान रखा जा रहा है। इसके अंतर्गत पुराने वृक्षों और वन्य जीवों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 100 से अधिक वर्ष की आयु पूरी कर चुके वृक्षों के संरक्षण की योजना बनाई गई है।
इसके अंतर्गत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर पुरातन वृक्षों को संरक्षित किया जाएगा। इसके अलावा सीएम के निर्देश पर वन्य जीवों को उनके प्रवाह स्थल तक पहुंचाने के लिए वन विभाग ने एक स्पेशल प्लान बनाया है। दूसरी ओर श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर रोड, पार्किंग स्थल, टेंट क्षेत्र आदि में लगे पुराने वृक्षों को अपग्रेड करने का भी काम किया जा रहा है, जिससे देश दुनिया से महाकुंभ नगर आने वाले लोग प्राणवायु के दाता का महात्म्य प्रत्यक्ष रूप से देख सकें।
महाकुंभ नगर में बड़ी तादाद में 100 से अधिक वर्ष के वृक्ष हैं। इनको संरक्षित करने के लिए योगी सरकार विशेष ध्यान दे रही है। इसी क्रम में प्रयागराज में वन विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इन वृक्षों का घेरा बनाकर उन्हें मजबूती दी जाएगी। इसके साथ ही उनके चारों तरफ मजबूत पक्की चौकी बनाए जाने की योजना है, जिससे पेड़ मजबूती से टिका रहे।
संगम क्षेत्र में स्थित पुराने वृक्षों की सुरक्षा पर वन विभाग का विशेष जोर है। इसके अलावा श्रद्धालुओं के आवागमन को सुलभ बनाने के लिए पेड़ों की कटाई-छटाई भी बड़े पैमाने पर की जा रही है। इसके साथ ही पेड़ों के सौंदर्यीकरण का काम भी प्रमुखता से किया जा रहा है। वहीं, मेला क्षेत्र में वन्य जीवों की सुरक्षा और उनके रेस्क्यू का कार्य भी किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए 20 लाख रुपये का बजट प्रस्तावित है। इसमें वन्य जीवों से श्रद्धालुओं की भी सुरक्षा प्रदान करना तथा वन्य जीवों को उनके प्रवाह स्थल तक पहुंचाए जाने का कार्य प्रमुख है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं को शुद्ध जल, शुद्ध वायु और पॉलिथीन मुक्त वातावरण मिलने जा रहा है। प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह पॉलिथीन मुक्त रहेगा। श्रद्धालु शुद्ध जल और शुद्ध वायु का यहां आनंद ले सकेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस अभियान के लिए साधु-संतों का पूरा सहयोग लिया जा रहा है। इसके अलावा इस बार साधु-संतों के साथ-साथ श्रद्धालुओं से भी प्रसाद और फूल पॉलीथिन में नहीं लाने का आह्वान किया गया है।