पीएम मोदी के लिए ग्रीन इकोनॉमी लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का एक रास्ता : एरिक सोलहेम

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नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। नॉर्वे के पूर्व जलवायु और पर्यावरण मंत्री एरिक सोलहेम ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ ऊर्जा नीति की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ ऊर्जा नीतियां कुछ अद्भुत अवसर पैदा कर रही हैं, जो न केवल भारत को अपना नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगी, बल्कि लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में भी सहायक होगी।

नीति आयोग के एक हालिया पेपर के अनुसार, पिछले नौ वर्षों में लगभग 25 करोड़ भारतीय “बहुआयामी गरीबी” से बाहर आ गए हैं, और गरीबी का स्तर 2013-14 में 29.17 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 11.28 प्रतिशत हो गया है।

सोलहेम ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत अब नवीकरणीय ऊर्जा को मुख्यधारा में लाने पर काम कर रहा है, जिससे आने वाले वर्षों में कई आर्थिक अवसर पैदा होंगे।

अनुभवी राजनयिक ने कहा, “जब सरकारें और उद्योग हरित अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हैं तो मैं बहुत आशावादी हो जाता हूं। प्रधानमंत्री मोदी के लिए हरित अर्थव्यवस्था अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकालने, मध्यम वर्ग को अधिक धन बनाने में मदद करने और सौर,हवा, जल विद्युत और अन्य सभी हरित परिसंपत्तियों की क्षमता का दोहन करके देश को वैश्विक क्षेत्र में चमकाने का एक और तरीका है।”

गुजरात के गांधीनगर में हाल ही में संपन्न चौथे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सरकार ने बायो ई3 नीति शुरू करके उच्च प्रदर्शन वाले जैव-विनिर्माण को प्राथमिकता दी है, जिसका उद्देश्य भारत के हरित विकास और नेट जीरो कार्बन अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को गति देना है। ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में भारत ग्लोबल लीडर बनने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए हमने करीब 20 हजार करोड़ रुपये का ग्रीन हाइड्रोजन मिशन लांच किया है।

इस बीच केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी के अनुसार, भारत ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर तक लगभग 15 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जोड़े गए 7.54 गीगावाट से लगभग दोगुनी है।

गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षेत्र में देश की कुल स्थापित क्षमता 214 गीगावाट तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 14 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाती है, क्योंकि देश का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता हासिल करना है।

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि इस योजना ने अब तक 6.85 लाख से ज्यादा इंस्टॉलेशन हासिल कर लिए हैं और यह लगभग एक साल में एक दशक की सौर वृद्धि को पार कर जाएगी। इस साल फरवरी में लॉन्च होने के बाद से 685,763 इंस्टॉलेशन के साथ यह योजना पहले ही एक दशक में लगाए गए इंस्टॉलेशन के 86 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है।

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत अब तक लगभग 1.45 करोड़ पंजीकरण किए जा चुके हैं।

नॉर्वे के राजनयिक के अनुसार, हरित क्षेत्र को एक बड़े आर्थिक अवसर में बदलने का प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण देश के लिए एक निर्णायक क्षण है।

सोलहेम ने आईएएनएस को बताया, ” पर्यावरण के अनुकूल बनने से लाखों भारतीयों के लिए अधिक रोजगार और समृद्धि पैदा होगी। साथ ही यह धरती माता के लिए भी बहुत अच्छा होगा, क्योंकि इससे पर्यावरण को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी।”