नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। साल 2024 में भारत का खेलों में प्रदर्शन बढ़िया रहा। इस साल कई बड़े इवेंट हुए जिसमें ओलंपिक और टी20 क्रिकेट विश्व कप सरीखे ग्लोबल इवेंट्स शामिल थे। साल 2024 के बीतने के साथ, उन पांच बड़ी खेल उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं जो भारत ने इस साल हासिल की।
टी20 विश्व कप जीतना पुरुष भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बेहद खास उपलब्धि साबित हुई। यह रोहित शर्मा की अगुवाई में मिली वह जीत थी जिसने भारत का पिछले 11 साल का आईसीसी ट्रॉफी का सूखा समाप्त कर दिया। विश्व कप वेस्टइंडीज और यूएस की संयुक्त मेजबानी में हुआ था जहां भारतीय टीम ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को बारबाडोस में सात रनों से मात देकर दूसरी बार टी20 विश्व कप की ट्रॉफी उठा ली। इससे पहले भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में साल 2007 में टी20 विश्व कप का उद्घाटन संस्करण जीता था।
विश्व कप भारतीय क्रिकेट के लिए एक अहम पड़ाव भी साबित हुआ। रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों ने टी20 फॉर्मेट से अपने संन्यास की घोषणा कर दी।
पेरिस ओलंपिक में भारत टोक्यो ओलंपिक के रिकॉर्ड को भले ही नहीं तोड़ सका लेकिन भारत की युवा स्टार निशानेबाज मनु भाकर ने इतिहास रचकर कमाल कर दिया। टोक्यो ओलंपिक में बेहद निराशाजनक तरीके से अपने अभियान का समापन करने के बाद मनु भाकर ने अकल्पनीय वापसी की। पेरिस ओलंपिक 2024 में मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल कैटेगरी में व्यक्तिगत और टीम इवेंट में दो कांस्य पदक हासिल करके सनसनी मचा दी। वह एक ही ओलंपिक में दो मेडल हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनी।
टोक्यो ओलंपिक के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में भी सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा। ट्रैक एंड फील्ड में भारत के पहले स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा पेरिस में भी भाला फेंक प्रतियोगिता में सिल्वर हासिल करने में कामयाब रहे। हालांकि वह पाकिस्तान के अरशद नदीम से पीछे रहे गए जिन्होंने ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए एक असाधारण थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता, लेकिन नीरज का सिल्वर पेरिस में भारत का सबसे बड़ा मेडल साबित हुआ जो इस स्टार एथलीट के कद और प्रदर्शन को बयां करने के लिए काफी है।
पेरिस ओलंपिक के बाद पैरालंपिक खेलों में भी भारत का प्रदर्शन बेहद खास रहा। इस खेलों में भारत ने पेरिस पैरालंपिक के प्रदर्शन को पीछे छोड़ते हुए इतिहास रच दिया। भारत ने पेरिस पैरालंपिक में कुल मिलाकर 29 पदक जीते, जिसमें सात गोल्ड मेडल थे। इसके अलावा 9 सिल्वर मेडल और 13 कांस्य पदक भी जीते। इससे पहले भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ियों ने टोक्यो 2020 खेलों में अपना बेस्ट प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने 19 मेडल हासिल किए थे जिसमें 5 गोल्ड मेडल थे।
क्रिकेट, ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों से हटकर इस साल शतरंज की दुनिया में गुकेश डी छाए रहे जिन्होंने मात्र 18 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। उन्होंने यह असाधारण उपलब्धि चीन के डिंग लिरेन को 12 दिसंबर, 2024 को हराकर हासिल की। इस जीत के साथ ही भारत को 11 साल बाद यह खिताब एक बार फिर वापस हासिल हुआ। इससे पहले केवल विश्वनाथन आनंद ने यह उपलब्धि हासिल की थी।