मुंबई, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारे के बाद ‘पालक मंत्री’ पद को लेकर रस्साकशी शुरू हो गई है। जिसे लेकर विपक्ष सत्ता पक्ष पर हमलावर है।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने सोमवार को ‘महायुति’ सरकार पर कहा कि गठबंधन सरकारों में इस तरह की खींचतान हमेशा होती रहती है, इससे कोई भी बच नहीं सकता। चाहे नेता कितनी भी बातें करें कि वे एक विचारधारा और रिश्ते के आधार पर साथ आए हैं, लेकिन असल में ऐसा कुछ नहीं है। वे सत्ता के लिए साथ आते हैं ताकि अपने लोगों को पद और मलाईदार मंत्रालय दिला सकें। सरकार बनाने का उद्देश्य सत्ता और संसाधनों को अपने हाथ में रखना होता है। मंत्री पद, विभागों और पालक मंत्री पदों के लिए अंत तक खींचतान चलती है।
उन्होंने कहा कि क्या किसी को बीड का संरक्षक मंत्री पद मिलने से सरपंच संतोष देशमुख को न्याय मिलेगा? अगर किसी को परभणी के संरक्षक मंत्री का पद मिलता है तो क्या पुलिस हिरासत में मरने वाले सूर्यवंशी को न्याय मिलेगा? मुंबई और ठाणे जैसे इलाकों में पालक मंत्री पद की होड़ जारी है। यहां किसी के पालक मंत्री बनने से मराठी मानुष पर हुए अन्याय का क्या समाधान होगा? यह पद सिर्फ इसलिए मांगा जाता है ताकि उस इलाके के सभी कामकाज पर नियंत्रण रखा जा सके।
उन्होंने कहा कि गढ़चिरौली में पालक मंत्री का पद पाने का असली मकसद खनन कंपनियों और हजारों करोड़ के खनिज व्यवसाय से लाभ लेना होता है। यही वजह है कि इस पद के लिए खींचतान जारी रहती है। मुंबई के पालक मंत्री पद का मराठी मानुष को सस्ते घर मिलने या उनके मुद्दों का समाधान करने से कोई लेना-देना नहीं है। बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के लिए यहां पर पालक मंत्री पद के लिए दावा किया जाता है।
राउत ने कहा कि राज ठाकरे की उद्धव ठाकरे से मुलाकात की खूब चर्चा हो रही है। यह चर्चा मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के बीच भी है। मैंने राज ठाकरे के साथ मिलकर काम किया है। मेरा उनसे और उनके परिवार से करीबी रिश्ता है। मेरी पार्टी के नेता उद्धव ठाकरे भी मेरे बहुत करीब हैं और बड़े भाई की तरह हैं। इसी बीच दोनों भाइयों के एक साथ आने से महाराष्ट्र खुश हुआ होगा। ठाकरे परिवार को महाराष्ट्र की जनता बहुत पसंद करती है। दोनों को जनता बेहद प्यार करती है।
उन्होंने आगे कहा कि दोनों की अलग-अलग पार्टियां हैं, लेकिन, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज ठाकरे के आदर्श हैं। हमारी पार्टी के साथ ऐसा नहीं है। ये वही लोग हैं, जो महाराष्ट्र के साथ अन्याय कर रहे हैं और हमारी पार्टी को तोड़ रहे हैं। हम उनके साथ नहीं जा सकते। हमारे बीच वैचारिक मतभेद हैं। लेकिन, एक परिवार के रूप में हम हमेशा एक हैं।