लखनऊ, 12 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सोशल ऑडिट का एक व्यापक और ठोस एक्शन प्लान लागू किया है। इसके अंतर्गत अगले पांच वर्षों में प्रदेश के एक लाख 33 हजार से अधिक विद्यालयों का सोशल ऑडिट पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
जानकारी के मुताबिक, इस कार्य में छात्रों के अभिभावकों, समाज और सभी हितधारकों को शामिल किया जाएगा और उपलब्ध संसाधनों तथा सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं/कार्यक्रमों के बारे में पता किया जाएगा।
पहले चरण की तैयारी पूरी हो चुकी है, जिसमें 150 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया जा चुका है। सोशल ऑडिट कार्य 31 मार्च तक संपन्न करने के लिए राज्य के पांच उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों का चयन किया गया है और अप्रैल तक जन सुनवाई और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का लक्ष्य रखा गया है।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह का कहना है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार योगी सरकार राज्य में शिक्षा के मानकों में सुधार और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रशिक्षण की योजना और कैलेंडर तैयार कर लिए गए हैं। जनवरी में जनपद और ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण पूर्ण करने का लक्ष्य है। आगामी 31 मार्च तक सभी चयनित विद्यालयों का सोशल ऑडिट कार्य और अप्रैल तक जन सुनवाई का कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है। इसके बाद चयनित विश्वविद्यालयों द्वारा इसकी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी, जिसके आधार पर सुधारात्मक कार्यवाही की जायेगी।
सोशल ऑडिट को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए प्रदेश के पांच प्रमुख विश्वविद्यालयों को जिम्मेदारी सौपीं गई है जो सोशल ऑडिट के टीम के सभी ट्रेनर्स, क्लस्टर सोशल ऑडिटर्स और सोशल ऑडिटर फैसिलिटेटर टीम के सदस्यों का चयन करेंगे। इन विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों में प्रो. अनुराग द्विवेदी (डीडीयू गोरखपुर विवि), प्रो. अनूप कुमार भारतीय (लखनऊ विवि), प्रो. एच.एम. आरिफ, प्रो. (डॉ.) आरीना नजनीन (इंटीग्रल विवि लखनऊ), प्रो. अनोज राज (सुभारती विवि, मेरठ), और डॉ. रवि कुमार (एमएमएमटीयू, गोरखपुर), शामिल हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कलस्टर सोशल ऑडिटर्स के जनपद स्तरीय प्रशिक्षण एवं सोशल ऑडिटर फैसिलिटेटर टीम के सदस्यों का ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण स्थल का निर्धारण तथा अपना सक्रिय सहयोग विश्वविद्यालयों को देने के निर्देश दिए गए है।
राज्य के 75 जिलों के लिए 150 मास्टर ट्रेनर्स, 2,672 क्लस्टर सोशल ऑडिटर्स, 1,60,320 सोशल ऑडिटर फैसिलिटेटर होंगे। राज्य में परिषदीय विद्यालयों की संख्या 1.33 लाख है। पहले चरण में 26,720 (20 प्रतिशत) विद्यालयों का ऑडिट किया जाएगा।
हर क्लस्टर सोशल ऑडिटर्स को 10-10 विद्यालयों की जिम्मेदारी दी गई है। क्लस्टर सोशल ऑडिटर्स को मास्टर ट्रेनर्स द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। क्लस्टर सोशल ऑडिटर्स ब्लॉक स्तर पर सोशल ऑडिटर फैसिलिटेटरों को प्रशिक्षित करेंगे जो चयनित 26,720 विद्यालयों का सोशल ऑडिट करेंगे।
महानिदेशक स्कूली शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि सोशल ऑडिट का महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि इस कार्य में विभाग द्वारा केवल सहयोग प्रदान किया जाएगा और सभी कार्य चयनित विश्वविद्यालयों द्वारा किया जाएगा, ताकि निष्पक्ष और वास्तविक तस्वीर सामने आ सके। सोशल ऑडिटर्स की टीम के प्रयास से अप्रैल तक प्रदेश के 20 प्रतिशत विद्यालयों का सोशल ऑडिट पूर्ण कर लिया जाएगा। अगले पांच वर्षों में प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों का सोशल ऑडिट का कार्य पूर्ण करने की योजना है। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में यह कदम बहुत सहायक होगा।