महाकुंभ नगर, 12 जनवरी (आईएएनएस)। महाकुंभ 2025 पर अमृत स्नानों से ठीक एक दिन पहले संगम तट पर नमामि गंगे टीम द्वारा भव्य नमामि गंगे यज्ञ का आयोजन किया गया। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य गंगा की पवित्रता, स्वच्छता और संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सामूहिक संकल्प लेना था। यज्ञ के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं और गंगा सेवा दूतों ने गंगा के निर्मल प्रवाह के लिए आहुतियां अर्पित कीं।
यह आयोजन स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस पर किया गया। हजारों श्रद्धालुओं की सहभागिता वाले इस भव्य आयोजन में 200 से अधिक गंगा सेवा दूतों ने विशेष रूप से भाग लिया और गंगा की अविरलता-पवित्रता बनाए रखने का सामूहिक संकल्प लिया। युवा शक्ति के जोश और संकल्प से ओतप्रोत यह आयोजन आध्यात्मिकता और पर्यावरणीय चेतना का अनूठा संगम बना।
नमामि गंगे टीम के साथ ही युवाओं ने गंगा को निर्मल और अविरल बनाए रखने के लिए आहुतियां अर्पित कीं। गंगा सेवा दूतों ने जल की पवित्रता बनाए रखने और स्वच्छता अभियान को सतत जारी रखने का संकल्प लिया। गंगा स्वच्छता अभियान में युवाओं की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए वक्ताओं ने कहा कि भारत में 40 फीसद से अधिक जनसंख्या युवा है। आने वाली पीढ़ी पर ही गंगा स्वच्छता की जिम्मेदारी है। गंगा का संरक्षण केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दायित्व भी है। युवाओं ने गंगा की स्वच्छता और संरक्षण के इस पावन प्रयास में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और गंगा को स्वच्छ, निर्मल और अविरल बनाए रखने का संकल्प लिया। यज्ञ के उपरांत, मेला परिसर में प्लास्टिक मुक्त कुंभ का संदेश फैलाने के लिए नमामि गंगे टीम ने जूट बैग्स का वितरण किया। श्रद्धालुओं को प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ के महत्व को समझाया गया और पर्यावरणीय जागरूकता का संदेश दिया गया।
यज्ञ में शामिल श्रद्धालुओं ने जूट बैग्स प्राप्त कर प्लास्टिक मुक्त कुंभ का संकल्प लिया, जिसमें संगम तट तक स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश फैलाया गया। इस अवसर पर नमामि गंगे के नोडल अधिकारी अथर्व राज ने सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर नमामि गंगे टीशर्ट और कैप्स का वितरण किया।
आयोजन में गंगा टास्क फोर्स (जीटीएफ), गंगा विचार मंच (जीवीएम), वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई), सेंट्रल इनलैंड फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट, डिस्ट्रिक्ट गंगा कमेटीज , राज्य स्वच्छ गंगा मिशन और नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) जैसी प्रमुख संस्थाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इसके अलावा, गंगा सेवा दूतों ने घाटों की नियमित सफाई, जागरूकता रैलियां और सामूहिक श्रमदान के माध्यम से स्वच्छता अभियान को गति दी।
नमामि गंगे यज्ञ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक, सामाजिक और पर्यावरणीय चेतना का संगम है। यह आयोजन समाज के सभी वर्गों को गंगा स्वच्छता और संरक्षण के प्रति प्रेरित करता है। महाकुंभ के अमृत स्नानों से ठीक पहले आयोजित इस नमामि गंगे यज्ञ ने गंगा संरक्षण अभियान को और अधिक शक्ति और प्रेरणा प्रदान की। गंगा की स्वच्छता और संरक्षण के इस महायज्ञ में सभी श्रद्धालुओं, संस्थाओं और नागरिकों को सक्रिय भागीदारी के लिए आह्वान किया गया।