भोपाल: 7 जनवरी/ रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी विभाग द्वारा रोल आफ रिसर्च इन शेपिंग फ्यूचर विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को फार्मासिस्ट के पेशे में शोध की भूमिका के महत्व से अवगत कराना था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. राम सिंह बिश्नोई, सहायक प्रोफेसर राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल, डॉ सीपी मिश्रा, डीन आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटी (AGU) और डॉ. दुर्गा पाण्डेय, प्रिंसिपल आरएनटीयू इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी उपस्थित थे।
इस मौके पर विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए डॉ. राम सिंह बिश्नोई फार्मासिस्ट के पेशे में शोध के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि वैज्ञानिक शोध न केवल दवाओं की गुणवत्ता में सुधार करता है, बल्कि यह नई उपचार विधियों के विकास में भी सहायक है। उन्होंने विद्यार्थियों को यह भी बताया कि फार्मासिस्ट के पास दवाओं के बारे में गहरी जानकारी होती है, इसलिए वे स्वास्थ्य देखभाल टीम का अहम हिस्सा बन सकते हैं, खासकर जब दवाओं के प्रभाव और दुष्प्रभावों की आती है।
डॉ. सीपी मिश्रा ने शोध की प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और छात्रों को यह समझाया कि कैसे शोध में सम्मिलित होकर वे अपनी सोच और समस्याओं का समाधान कर अपनी क्षमता को बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने फार्मासिस्ट के पेशे में आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान के लिए अनुसंधान के महत्व को रेखांकित किया। वहीं, डॉ.दुर्गा पाण्डेय ने इस बात पर जोर दिया कि शोध के माध्यम से न केवल नई दवाएं और उपचार विधियां विकसित होती हैं, बल्कि यह स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के सुधार में भी महत्वपूर्ण है, जिससे फार्मासिस्ट की भूमिका समाज में और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में फार्मेसी विभाग के सभी कर्मचारियों का अहम योगदान रहा। कार्यक्रम का समापन प्रोफेसर डॉ. निमिशा जैन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मंच संचालन सहायक प्रोफेसर कुमारी सोनिका प्रजापति ने किया। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक था और उन्हें शोध के क्षेत्र में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे भविष्य में स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों का सामना कर सकें और अपने कार्यक्षेत्र में नवाचार और सुधार ला सकें। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।