नई दिल्ली, 4 फरवरी (आईएएनएस)। भारत सरकार द्वारा साहित्य, संस्कृति, कला आदि क्षेत्रों में पुरस्कार देने के लिए नई शर्तें लगाने की खबरों पर तृणमूल कांग्रेस सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि भारत सरकार का यह कदम सही है। मोटे तौर पर यह अच्छा है। लेकिन सरकार इसे सही से लागू करे। सिन्हा ने समान नागरिक संहिता और दिल्ली चुनावों पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी।
आईएएनएस से बात करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, “यह बात सही है कि जिन्हें अवाॅर्ड दिया जाता है, उनसे उनकी सहमति लेनी चाहिए। आप हर बार राजनीतिक मुद्दों पर अवाॅर्ड वापसी करेंगे, तो यह समाज, राजनीति और संस्थानों के लिए अच्छा नहीं है। ऐसे में नई शर्तें मोटे मोटे तौर ठीक हैं।”
बता दें कि सरकार अब साहित्य, संस्कृति, कला आदि क्षेत्रों में पुरस्कार देने के लिए नई शर्तें लगा सकती है। संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि अब केवल वे ही लोग पुरस्कार प्राप्त कर सकेंगे, जो शपथ लेकर वादा करेंगे कि वे राजनीतिक कारणों से सम्मान वापस नहीं करेंगे।
इसके बाद समान नागरिक संहिता पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, “मोटे तौर पर तो यह ठीक है। लेकिन, यह देखना होगा कि इस बिल में क्या होगा। अभी तक पूरे देश में बहुत से ऐसे कानून हैं, जो अलग-अलग राज्यों के हिसाब से लागू होते हैं। इसलिए बिल सामने आने पर ही कुछ कहा जा सकता है। एक चीज जो इसमें देखनी होगी, वह यह है कि यह फैसला वोट बैंक को आधार बनाकर तो नहीं किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने मेडिकल कंपनियों से इलेक्टोरल बांड में पैसा लिया है। उन कंपनियों की बहुत सी दवाइयां पास नहीं हो रही थीं, जिन्हें बाद में पास कर दिया गया। उन्होंने कई बीफ कंपनीयों से भी पैसे लिए। क्या इस पर बहस नहीं होनी चाहिए। उन्होंने चीन की कंपनी से भी इलेक्टोरल बांड में पैसा लिया है। मामले में सर्वदलीय बैठक होनी चाहिए। सबसे बातचीत करना चाहिए। ऐसे तो यह अच्छा लगता है। लेकिन, उसके लागू करने पर जो पेंच है, उस पर जरूर ध्यान देना चाहिए।”
दिल्ली चुनाव पर उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी के आदेश पर दिल्ली चुनाव में मैं अरविंद केजरीवाल के समर्थन में उतरा। दिल्ली में आम लोगों में, महिलाओं में एक पार्टी की धूम है। लेकिन, कुछ पार्टी पैसे के दम पर दिल्ली में चुनाव को बदलने की कोशिश कर रही हैं।”
उन्होंने प्रधानमंत्री को ‘प्रचार मंत्री’ संबोधित करते हुए कहा, ” वह इसी पर लगे हुए हैं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी को कैसे गिराया जाए। उनके लोग ऊलजलूल बातें कर रहे हैं।”