मुंबई, 7 मार्च (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान के बाद एक और बयान चर्चा का विषय बन गया है। इस बार शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट के नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) अनिल परब ने विवादित बयान दिया है।
अनिल परब ने गुरुवार को विधान परिषद में खुद की तुलना छत्रपति संभाजी महाराज की थी। उनके इस बयान से महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे आक्रामक हैं। अनिल परब द्वारा खुद की तुलना छत्रपति संभाजी महाराज से करने पर नितेश राणे ने मांग की है कि उन्हें सभी शिव भक्तों से मांफी मांगनी चाहिए। अनिल परब ने अपने कार्यकाल (महाविकास आघाड़ी) के दौरान दूसरों के घर तोड़ें, लोगों को गिरफ्तार करवाया। उन्होंने इस प्रकार का बयान देकर छत्रपति संभाजी महाराज से छल किया है। इसलिए उन्हें माफी मांगना चाहिए।
अनिल परब ने गुरुवार को कहा था कि संभाजी महाराज के विचार और उनकी विरासत को अगर किसी ने आगे बढ़ाया है, तो वह ‘छावा’ (फिल्म) में दिखेगा, “और मुझे भी देखो”। उन्होंने कहा था, “धर्म बदलने के लिए उन पर अत्याचार हुआ और पार्टी बदलने के लिए मुझ पर अत्याचार किया गया। ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स और एनआईए सभी ने मेरे खिलाफ कार्रवाई की, लेकिन मैं जेल नहीं गया। संजय राउत जेल गए क्योंकि वे कच्चे खिलाड़ी थे, लेकिन मैं सब पर भारी पड़ा।”
इस बयान पर विधान परिषद के चेयरमैन ने पूछा कि क्या इसे रिकॉर्ड पर लिया जाना चाहिए? इस पर परब ने बेझिझक जवाब दिया था, “क्यों नहीं रखना चाहिए? जो सच है, वो सच है। मुझ पर अत्याचार हुआ।”
बता दें कि इन दिनों देश में ‘छावा’ फिल्म चर्चा में बनी हुई है। हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब को लेकर विवादित बयान दिया था, जिस पर काफी बवाल हुआ। सोमवार को सपा नेता ने मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ की थी। मंगलवार को अबू आजमी के औरंगजेब की तारीफ वाले बयान का मुद्दा महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में गूंजा था। उनके इस बयान को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और सपा विधायक को विधानसभा से निलंबित करने की मांग की गई। हालांकि, अबू आजमी ने औरंगजेब वाले बयान पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा था कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। हालांकि, उन्हें पूरे बजट सत्र के लिए विधानसभा की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था।