नूंह : आईएमटी सोहना में पुलिस की सुरक्षा के बीच चला निर्माण कार्य, 200 से अधिक जवान तैनात

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नूंह, 12 मार्च (आईएएनएस)। हरियाणा के आईएमटी सोहना में निर्माण कार्य में बाधा डालने वाले किसानों पर मंगलवार को की गई पुलिस और प्रशासन की सख्ती का पूरा असर बुधवार को दिखाई दिया। घटनास्थल पर पुलिस के 200 जवान सुरक्षा में पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दिए। प्रशासन और पुलिस की सख्ती के चलते एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों ने आईएमटी सोहना में रास्तों का निर्माण कार्य तेज गति से शुरू कर दिया है।

तकरीबन 8-10 जेसीबी मशीनें रास्तों के निर्माण में जुटी दिखीं, लेकिन किसानों की तरफ से बुधवार को कोई विरोध नहीं हुआ।

डीएसपी नूंह हरिंदर कुमार ने पत्रकारों को बताया कि आईएमटी सोहना का कामकाज काफी समय से रुका हुआ था। किसान लगातार विरोध कर रहे थे। इससे जिले का विकास प्रभावित हो रहा था। मंगलवार को 107 किसानों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें 54 महिला और 53 पुरुष किसान शामिल थे।

उन्होंने बताया कि देर रात गिरफ्तार किसानों को जमानत दे दी गई है। अब तक आईएमटी सोहना का कामकाज रुकवाने वाले किसानों पर दो अलग-अलग एफआईआर पुलिस विभाग ने दर्ज की हैं। उन्होंने किसानों से शांति बनाए रखने और आईएमटी सोहना के कामकाज में रुकावट न डालने की अपील की है।

डीएसपी नूंह हरिंदर कुमार ने कहा कि किसानों और प्रशासन के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी है। किसानों की अधिकतर मांगों को जिला प्रशासन स्वीकार भी कर लिया था, लेकिन कुछ मांगों में कानूनी अड़चन आ रही थी, जिसकी वजह से यह मामला गरमा गया था और किसानों ने कामकाज रोक दिया, जिसके बाद पुलिस प्रशासन को सख्त रुख अपनाना पड़ा।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि काम में रुकावट डालने की कोशिश की तो पुलिस और प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। भारी सुरक्षा के बीच आईएमटी सोहना में कामकाज शुरू होने से एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को किसानों और पुलिस के बीच कहासुनी की नौबत आई थी। उसके बाद हरियाणा रोडवेज की चार बसों में 107 किसानों को धरनास्थल से नूंह लाया गया था, लेकिन उन्हें देर रात तकरीबन 10-11 बजे तक जमानत दे दी गई थी। दरअसल, साल 2010 में कांग्रेस सरकार के शासनकाल में नौ गांव की तकरीबन 1,600 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था। किसानों को प्रति एकड़ 25 लाख रुपये मुआवजा दिया गया था। उसके बाद किसानों ने मुआवजा मिलने का विरोध किया और धरने पर बैठ गए। इसके बाद सरकार ने 21 लाख रुपये बढ़ाकर कुल 46 लाख रुपये प्रति एकड़ की मुआवजा राशि दी। इसके बावजूद पिछले आठ महीने से किसान मुआवजा बढ़ाने तथा अन्य मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे।

इस दौरान, सरकार-प्रशासन और किसानों के बीच कई बैठकें हुईं। इन बैठकों में 10 मांगों में से आठ पर सहमति भी बन गई थी, लेकिन किसानों ने दो मांगों पर अपना अड़ियल रवैया रखा, जिसकी वजह से टकराव की नौबत आ गई। अब आईएमटी सोहना का कामकाज रफ्तार के साथ शुरू हो चुका है। किसान दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहे हैं।