नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग वस्तुओं का उत्पादन पिछले 11 वर्षों में 26,109.07 करोड़ रुपए से वित्त वर्ष 2024-25 में करीब चार गुना बढ़कर 1,16,599.75 करोड़ रुपए हो गया।
इसके अलावा, खादी वस्त्रों का उत्पादन वित्त वर्ष 2013-14 में 811.08 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में साढ़े चार गुना और 366 प्रतिशत बढ़कर 3,783.36 करोड़ रुपए हो गया, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने खादी और ग्रामोद्योग की बिक्री के आंकड़ों को लेकर भी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि खादी और ग्रामोद्योग की बिक्री 2013-14 में 31,154.19 करोड़ रुपए से पांच गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 1,70,551.37 करोड़ रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि खादी कपड़ों की बिक्री में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है, जो कि वित्त वर्ष 2013-14 में 1,081.04 करोड़ रुपए से छह गुना बढ़कर 2024-25 में 7,145.61 करोड़ रुपए हो गई।
उन्होंने खादी कपड़ों की इस शानदार बिक्री का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बड़े मंचों पर खादी को बढ़ावा दिए जाने को दिया।
उन्होंने कहा कि केवीआईसी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम रोजगार के अवसर प्रदान करना है। केवीआईसी ने पिछले 11 वर्षों में रोजगार को लेकर भी नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2013-14 में जहां संचयी रोजगार 1.3 करोड़ था। वहीं, 2024-25 में यह 49.23 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर 1.94 करोड़ हो गया।
इसके अलावा खादी और ग्रामोद्योग भवन, नई दिल्ली के कारोबार में भी शानदार वृद्धि दर्ज की गई है।
कुमार ने बताया कि वित्त वर्ष 2013-14 में खादी और ग्रामोद्योग भवन का कारोबार जहां 51.02 करोड़ रुपए था। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 में यह करीब दोगुना बढ़कर 115 फीसदी की उछाल के साथ 110.01 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना के शुभारंभ के बाद से कुल 10,181,85 इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिसके लिए सरकार ने 73,348.39 करोड़ रुपए के ऋण के बदले 27,166.07 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की है। पीएमईजीपी के जरिए अब तक 90,04,541 लोगों को रोजगार मिला है।
ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केवीआईसी ने वित्त वर्ष 2021-22 में 25.65 करोड़ रुपए के बजट को दोगुना से अधिक बढ़ाकर वित्त वर्ष 2025-26 में 60 करोड़ रुपए कर दिया है।
ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत अब तक 39,244 इलेक्ट्रिक पॉटरी व्हील, 2,270,49 बी बॉक्स और हनी कॉलोनी, 2,344 ऑटो और पैडल से चलने वाली धूपबत्ती निर्माण मशीनें, 7,735 फुटवियर निर्माण और रिपेयरिंग टूलकिट, 964 पेपर प्लेट और दोना निर्माण मशीनें, 3,494 एसी, मोबाइल, सिलाई, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर टूलकिट, 4,555 टर्नवुड, वेस्टवुड क्राफ्ट, लकड़ी के खिलौने बनाने की मशीनें और साथ ही 2,367 पाम जैगरी, ऑयलघानी और इमली प्रोसेसिंग मशीनें वितरित की गई हैं।
उन्होंने कहा, “अगर पिछले तीन वित्त वर्षों की बात करें तो वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 22,284, वित्त वर्ष 2023-24 में 29,854 और वित्त वर्ष 2024-25 में सर्वाधिक 37,218 मशीनें और उपकरण वितरित किए गए।”
ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत केवीआईसी ने अब तक कुल 2,877,52 मशीनें, टूलकिट और उपकरण वितरित कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों में केवीआईसी के 18 विभागीय और 17 गैर-विभागीय प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से 7,43,904 व्यक्तियों को ट्रेनिंग दी गई, जिनमें से 57.45 प्रतिशत यानी कुल 4,27,394 महिलाएं हैं। इसके अलावा पांच लाख खादी कारीगरों में से 80 प्रतिशत महिलाएं हैं।
इसके अलावा, पिछले 11 वर्षों में खादी कारीगरों के वेतन में 275 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले तीन वर्षों में इसमें 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।