नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष के दौरान चर्चा में आई विंग कमांडर व्योमिका सिंह जाति सूचक टिप्पणी की थी। उनके बयान पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने पलटवार किया है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा सीट से भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने रामगोपाल यादव की विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर की गई टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। आईएएनएस से खास बातचीत में खंडेलवाल ने कहा, “उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। अपनी सेना को किस जाति वर्ग में बांट रहे हैं, उनको इस बात की जरा सी भी समझ नहीं है। ये मानसिक दिवालियापन है। हमारी सेना ने न सिर्फ इस युद्ध में बल्कि पहले के युद्ध में भी अपने शौर्य का प्रदर्शन किया है। हमारी सेना की एक अधिकारी के बारे में टिप्पणी करना एक घटिया मानसिकता है। रामगोपाल यादव को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।”
प्रवीण खंडेलवाल ने आगे कहा, “कांग्रेस के कुछ नेताओं की सबसे बड़ी खामी यह है कि वे हर बात का सबूत मांगते हैं। क्या हमारी सेना अपने शौर्य का सबूत देगी? क्या इंदिरा गांधी के समय में जब सेना ने अपना शौर्य दिखाया था, तब कांग्रेस ने सबूत मांगा था? ये लोग राजनीति में यह भी भूल जाते हैं कि यह मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।”
कर्नाटक के कांग्रेस विधायक कोथुर मंजुनाथ ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर हुई सैन्य कार्रवाई पर संदेह जताते हुए कहा, “यह सिर्फ दिखावा था, इससे न तो कोई न्याय मिला और न ही पहलगाम हमले के पीड़ितों को सच्ची सांत्वना।”
आईएएनएस से बात करते हुए भाजपा के राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा, “समाजवादी पार्टी शुरू से ही देश को बांटने का काम करती रही है। इस समय भी रामगोपाल यादव ने यही किया है। सेना एकजुट है। अगर वे सेना को बांटने का काम करेंगे तो यह देश के साथ गद्दारी है। कांग्रेस के विधायकों जिन्होंने सबूत मांगे हैं, उन्हें वहां जाकर देखना चाहिए कि पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ है। देशभक्ति का माहौल है, जनता जो तय करेगी उसका स्वागत है। विपक्ष को अपने देश के नेतृत्व पर और प्रधानमंत्री पर विश्वास रखना चाहिए।”
समाजवादी पार्टी के प्रधान महासचिव रामगोपाल यादव ने एक जनसभा के दौरान विंग कमांडर व्योमिका सिंह के लिए जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया था। बयान के बाद उन्हें पूरे देश में आलोचना झेलनी पड़ रही है। रामगोपाल भाषण के दौरान व्योमिका सिंह का नाम भी भूल गए थे और कई बार उन्हें दिव्या के नाम से पुकारा था।
— आईएएनएस
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