जशपुर की मनकुंवारी बाई ने प्रधानमंत्री मोदी से किया संवाद

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रायपुर, 15 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना के अलावा घर तक जल की योजनाओं ने दूरस्थ और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले सुविधाविहीन लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला दिया है।

यह बात जशपुर जिले से जनमन संगी और विशेष पिछड़ी पहाड़ी कोरवा जनजाति की महिला मनकुंवारी बाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान पीएम जनमन योजना के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग से आयोजित कार्यक्रम के दौरान संवाद में कही।

मनकुंवारी ने बताया, “प्रधानमंत्री जी, हम लोग पहाड़ी कोरवा हैं। पहाड़ में रहते हैं। एक दो किलोमीटर चलकर ढ़ोढी-कुआं जाते थे और वहां का गंदा पानी पीने को विवश थे। इससे अक्सर उल्टी-दस्त हो जाती थी। अब स्वच्छ पानी मिल रहा है। घर भी बन गया और बिजली भी लग गई।”

अपना परिचय देते हुए मनकुंवारी ने कहा कि मैं जशपुर जिले के ग्राम पंचायत कुटमा के गांव सलखाडांड से हूं। मेरे परिवार में पांच सदस्य रहते हैं। प्रधानमंत्री ने योजनाओं के बारे में पूछा तो मनकुंवारी ने बताया कि मुझे प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत घर मिला, बिजली भी लग गई। नल जल आ गया, गैस आ गया।

प्रधानमंत्री ने पूछा कि इन योजनाओं से आपके जीवन में किस तरह का बदलाव आया। मनकुंवारी ने बताया कि पहले चूल्हा उपयोग करते थे। लकड़ी के लिए जंगल जाना पड़ता था। फिर चूल्हे में देर तक समय लगता था। समय लगने की वजह से बच्चे खाने के लिए रोते रहते थे।

प्रधानमंत्री ने पूछा, “कौन से व्यंजन बनाती हैं गैस आने के बाद।”

मनकुंवारी कुछ सकुचाई तो प्रधानमंत्री ने कहा, “हम खाने नहीं आयेंगे।”

मनकुंवारी ने कहा, “धुस्का बना लेती हू, भजिया बना लेती हूं।”

मनकुंवारी के स्व सहायता समूह के बारे में प्रधानमंत्री ने पूछा तो उन्होंने बताया कि उनका 12 सदस्यों का एक समूह है। हम लोगों को प्रधानमंत्री वनधन केंद्र में दोना पत्तल का प्रशिक्षण मिला है। हम दोना पत्तल बनाने का काम करते हैं और इसे बेचते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने जनमन संगी के काम करने के तरीके के संबंध में पूछा तो मनकुंवारी ने बताया कि मैं लोगों के घर-घर जाती हूं। आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड आदि बनवाती हूं। इन्हें शिविर में ले जाती हूं। जो काम 75 वर्ष में नहीं हुआ, वो 25 दिनों में पीएम जनमन योजना के माध्यम से पूरा हो गया। मैं आपको धन्यवाद देती हूं।

प्रधानमंत्री ने बच्चों से कहा कि आप लोग खेलकूद में भी खूब ध्यान लगाइये। पढ़ाई के साथ खेलकूद से भी नाता होना चाहिए। आजकल खेलकूद में जो अवॉर्ड मिलते हैं। उनमें आदिवासी क्षेत्र के बच्चे अधिक होते हैं।

–आईएएनएस

एसएनपी/एबीएम