नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को आर्थिक सर्वे पेश किया। आर्थिक सर्वे के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान मौजूदा कीमतों पर दिल्ली का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) बढ़कर 11,07,746 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
जीएसडीपी में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 9.17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिल्ली की जीएसडीपी 10,14,000 करोड़ रही थी।
आर्थिक सर्वे 2023-24 के अनुसार, कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, दिल्ली की वास्तविक जीएसडीपी वित्तीय वर्ष 2021-22 में 8.76 प्रतिशत और वित्तीय वर्ष 2022-23 में 7.85 प्रतिशत की दर से बढ़ी।
दिल्ली की आबादी का देश की आबादी में केवल 1.5 फ़ीसदी हिस्सा है, लेकिन देश की जीडीपी में योगदान 3.9 प्रतिशत है।
दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोत्तरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 3,76,217 रुपये थी, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 4,61,910 रुपये हो गई। केवल दो वर्षों में प्रति व्यक्ति आय में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय के मुक़ाबले दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय 2.5 गुना अधिक है।
मुद्रास्फीति और बेरोजगारी के मामले में दिल्ली ने 2023 में 2.81 प्रतिशत की मुद्रास्फीति दर के साथ राष्ट्रीय औसत की तुलना में कम मुद्रास्फीति दर बनाए रखी है।
रिपोर्ट के अनुसार, इसके अतिरिक्त, बेरोजगारी दर वित्तीय वर्ष 2020-21 में 6.3 प्रतिशत से घटकर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1.9 प्रतिशत हो गई।
दिल्ली का राजकोषीय प्रबंधन भी सराहनीय रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान टैक्स कलेक्शन में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। दिल्ली ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 14,457 करोड़ रुपये का पर्याप्त राजस्व अधिशेष दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है।
बिजली, पानी, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और सार्वजनिक परिवहन सहित कई मुफ्त सरकारी सेवाओं की पेशकश के बावजूद, दिल्ली में बढ़ती अर्थव्यवस्था और राजस्व अधिशेष जारी है।
अर्थशास्त्र और सांख्यिकी विभाग ने हाल ही में 3,450 घरों का अध्ययन किया। इससे पता चला है लगभग सभी घरों को वर्ष के दौरान किसी न किसी समय मुफ्त बिजली का लाभ हुआ है। काफी संख्या में लोग मुफ्त पानी, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ”61.6 प्रतिशत परिवारों ने मुफ्त चीजों के कारण बचाया गया सारा पैसा खर्च कर दिया। जबकि, 28.4 प्रतिशत ने बचत और एफडी में पैसा निवेश किया। 7.2 प्रतिशत ने इसे जल्द ही खर्च करने की योजना बनाई और 2.8 प्रतिशत ने दोस्तों को अतिरिक्त पैसा उधार दिया है।”
रिपोर्ट में आगे दावा किया गया है कि शिक्षा के लिए दिल्ली सरकार का बजट आवंटन सभी राज्य सरकारों और केंद्र सरकारों में सबसे अधिक है।
इसके अलावा दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि 2022-23 में हमने शिक्षा पर अपने कुल व्यय का 21.1 प्रतिशत खर्च किया, जबकि पूरे भारत में औसत 13.5 प्रतिशत था। दिल्ली का सकल नामांकन अनुपात और शुद्ध नामांकन अनुपात भारत के औसत जीईआर और एनईआर से अधिक है।
रिपोर्ट के अनुसार, ”जनवरी 2024 तक, दिल्ली के कुल बस बेड़े में 7,582 बसें शामिल थीं, जिनमें से 1,650 इलेक्ट्रिक हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में जारी किए गए कुल पिंक टिकट (महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा) डीटीसी और क्लस्टर बसों के लिए 45.44 करोड़ हैं। आज, दिल्ली में चीन और सैंटियागो के बाद दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक बसें हैं।”