लखनऊ, 3 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार प्रौद्योगिकी की मदद से सूखे से निपटने के लिए सोमवार को लखनऊ में एक दिवसीय राज्यस्तरीय सम्मेलन आयोजित करेगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
राज्य के भीतर आपदाओं से निपटने और जान-माल के नुकसान को कम करने के अपने चल रहे प्रयासों में यह राहत विभाग और आईआईटी-कानपुर के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है।
सम्मेलन का उद्देश्य सूखे की निगरानी, शमन और बेहतर प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक तकनीक का लाभ उठाना है।
इस आयोजन में राज्य और देश दोनों के प्रमुख तकनीकी संस्थानों, अनुसंधान संगठनों, तकनीकी विश्वविद्यालयों के साथ-साथ संबंधित विभागों के विशेषज्ञों सहित प्रमुख हितधारक भाग लेंगे।
प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरु प्रसाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में प्रदेश में आपदा से निपटने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस पहल के तहत हाल ही में आईआईएम-लखनऊ के विशेषज्ञों ने राज्य के अतिरिक्त जिलाधिकारियों को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण प्रदान किया।
आपदाओं से निपटने और उनसे निपटने के लिए तैयार रहने के लिए आपदा प्रबंधन में विशेष संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। ये संस्थान न केवल प्रशिक्षण देंगे, बल्कि आपात स्थिति के दौरान विभाग की सहायता भी करेंगे।
राहत आयुक्त जी.एस. नवीन ने बताया कि सम्मेलन तीन सत्रों में चलेगा।
पहला सत्र “सूखा निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी” विषय पर केंद्रित होगा, जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कृष्णा एस. वत्स, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वाइस लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी और आईसीआरआईएसएटी के एम.एल. जाट व अन्य विशेषज्ञ सुझाव प्रस्तुत करेंगे।
दूसरे सत्र में “सूखा शमन के लिए प्रौद्योगिकी” पर चर्चा शामिल होगी।
तीसरे सत्र में उत्तर प्रदेश वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव आशीष तिवारी और आईसीएआर-आईजीएफआरआई के प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख डॉ. पी. शर्मा की भागीदारी के साथ “सूखा प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी” के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी।