नई दिल्ली, 22 जून (आईएएनएस)। जब पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़ा है, भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए ‘ऑपरेशन सिंधु’ की शुरुआत की है। यह विशेष राहत मिशन ईरान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए शुरू किया गया है, जहां हालिया दिनों में इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष चरम पर पहुंच गया है।
ईरान की ओर से भारत के लिए एयरस्पेस खोलने की अनुमति मिलते ही यह ऑपरेशन गति पकड़ चुका है। सरकार के सहयोग से यह निकासी अभियान जारी है और रविवार शाम तक 1,428 भारतीय नागरिक स्वदेश लौट चुके हैं।
‘ऑपरेशन सिंधु’ भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा एक मानवीय राहत अभियान है, जिसका उद्देश्य युद्ध जैसे हालात में ईरान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालना है। यह केंद्र की मोदी सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत विदेशों में रह रहे हर भारतीय की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। भले वह दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने बीते 11 वर्षों में कई सफल राहत और बचाव अभियान चलाए हैं, जो वैश्विक स्तर पर मानवीय मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
ऑपरेशन राहत (2015) : यमन संकट के दौरान 4,640 भारतीयों के साथ 41 देशों के 960 नागरिकों की सुरक्षित निकासी।
ऑपरेशन मैत्री (2015) : नेपाल भूकंप के बाद 43,000 से अधिक भारतीयों को निकाला गया और राहत पहुंचाई गई।
ऑपरेशन संकट मोचन (2016) : दक्षिण सूडान से 300 भारतीयों और नेपाली नागरिकों की निकासी।
लीबिया (2019) : सीआरपीएफ के जवानों समेत 500 से ज्यादा भारतीयों की सुरक्षित वापसी।
ऑपरेशन समुद्र सेतु (2020) : कोरोना महामारी के दौरान तीन देशों से नौसेना के जरिए 3,992 भारतीयों की वापसी।
वंदे भारत मिशन (2020) : कोविड संकट के दौरान 67.5 लाख से अधिक भारतीयों की वैश्विक वापसी।
ऑपरेशन देवी शक्ति (2021) : तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से 500 से ज्यादा भारतीय और अफगान सिख समुदाय के लोगों को निकाला गया।
ऑपरेशन गंगा (2022) : यूक्रेन युद्ध के दौरान 18,282 भारतीयों और अन्य 18 देशों के नागरिकों को सुरक्षित लाया गया।
ऑपरेशन कावेरी (2023) : सूडान संकट से 3,961 भारतीयों और 136 विदेशियों की निकासी।
ऑपरेशन अजय (2023) : इजरायल-हमास संघर्ष के दौरान 1,300 भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया।
ऑपरेशन ब्रह्मा (2025) : म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद 5,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित लाया गया।
पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज ने एक बार कहा था, “अगर कोई भारतीय मंगल ग्रह पर भी फंसा होगा, तो भारत सरकार उसे भी वापस लाएगी।” यह कथन उस भावना का प्रतीक है, जो हर भारतीय नागरिक को सुरक्षा का भरोसा देती है, चाहे वह कितनी भी दूर या कठिन परिस्थिति में क्यों न हो।