पटना, 24 जून (आईएएनएस)। मशहूर शिक्षक खान सर की शादी के रिसेप्शन में बिहार सहित देश के कोने-कोने से आए 50,000 से ज्यादा छात्र शामिल हुए। यह भव्य आयोजन मंगलवार को पटना में आयोजित किया गया। खान सर ने अपनी शादी की तीसरी रिसेप्शन पार्टी दी है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में खान सर ने बताया कि इस रिसेप्शन का उद्देश्य न केवल उनकी शादी का जश्न मनाना है, बल्कि छात्रों को प्रेरित करना और उन्हें सम्मान देना भी है। रिसेप्शन में 156 प्रकार के व्यंजनों का इंतजाम किया गया, जिसमें साउथ इंडियन, नॉर्थ इंडियन, पंजाबी, सिंधी, चाइनीज, कॉन्टिनेंटल, वेज और नॉन-वेज जैसे तमाम स्वाद शामिल थे।
खान सर ने कहा, “हमारा मकसद है कि बच्चों को वह सम्मान मिले जो वे डिजर्व करते हैं। लोग अक्सर उन्हें हल्के में लेते हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि ये बच्चे इतनी ऊंचाइयों को छुएं कि दुनिया उन्हें सलाम करे।”
आयोजन की खास बात यह रही कि इसे मौसम के हिसाब से व्यवस्थित किया गया। खान सर ने बताया कि मौसम विभाग से लगातार संपर्क रखा जा रहा है। बारिश के दिन आयोजन टाला जाता है, ताकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आने वाले छात्रों को कोई दिक्कत न हो। बिहार पुलिस और उनकी मैनेजमेंट टीम ने मिलकर व्यवस्था को बखूबी संभाला। पूरा आयोजन वातानुकूलित पंडाल में किया गया, ताकि बारिश का असर न पड़े।
खान सर ने पहले छात्राओं को आमंत्रित किया था। इसकी वजह भी बताई। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए लड़कियां लक्ष्मी हैं।’ इसके बाद छात्रों का रिसेप्शन शुरू हुआ, जो एक हफ्ते तक चलेगा। रोजाना 15,000 के करीब मेहमानों को अलग-अलग समय में बुलाया जा रहा है। सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक यह आयोजन चलता है।
इस रिसेप्शन में आए छात्रों ने भी खान सर की जमकर तारीफ की। छात्र साहिद अली ने कहा, “खान सर ने हमें परिवार की तरह बुलाया। खाना बहुत स्वादिष्ट था, इतने सारे व्यंजन पहली बार देखे।”
छात्र विनय यादव ने शादी की बधाई देते हुए कहा, “खान सर ने हर चीज का ध्यान रखा। हमें यहां आकर बहुत अच्छा लगा।”
वहीं, छात्र शिवम कुमार ने बताया, “खान सर से मिलना हमारे लिए गर्व की बात है। हम उनके सभी छात्रों की ओर से उन्हें बधाई देते हैं।”
खान सर ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि मेहनत और लगन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। उन्होंने दहेज प्रथा के खिलाफ भी आवाज उठाई और युवाओं से अपील की कि वे सफल होने के बाद दहेज न लें।
उन्होंने कहा, “कल को इनमें से कोई प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बन सकता है, जैसे चाय बेचने वाले प्रधानमंत्री बने और अखबार बेचने वाले एपीजे अब्दुल कलाम। यह रिसेप्शन न केवल एक उत्सव था, बल्कि खान सर और उनके छात्रों के बीच के अटूट रिश्ते का प्रतीक भी बना। यह प्यार हमने कमाया है। ये बच्चे देश का भविष्य हैं।”