मुंबई, 5 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में जारी भाषा विवाद के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे 20 साल बाद एक साथ आए। इस दौरान उन्होंने ‘मराठी एकता’ पर जोर दिया और भाषा विवाद को लेकर राज्य सरकार को भी निशाने पर लिया। इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने उद्धव और राज ठाकरे के एकजुट होने पर खुशी जाहिर की और इसे महाराष्ट्र के लिए ऐतिहासिक दिन बताया।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मुंबई और महाराष्ट्र के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। 19 साल पहले दो भाई अलग हुए थे, लेकिन आज वे महाराष्ट्र के लिए एकजुट हुए हैं। इस रैली को लेकर जनता के मन में उत्साह का माहौल है और ये आगे भी देखने को मिलेगा।”
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के ‘विजय जुलूस’ में फिर से साथ आने पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता यशवंत किलेदार ने कहा, “पिछले ढाई महीने से मराठी लोग त्रिभाषा नीति के खिलाफ यह लड़ाई लड़ रहे थे और इसके रद्द होने के बाद ‘विजय जुलूस’ का आयोजन किया गया है, जिसे मराठी लोग मिलकर मना रहे हैं। दोनों भाई (उद्धव और राज ठाकरे) ने इस ‘विजय जुलूस’ में हिस्सा लिया है। यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था बल्कि मराठी लोगों का कार्यक्रम था।”
बता दें कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने ‘मराठी एकता’ पर आयोजित एक रैली को शनिवार को संबोधित किया। इस दौरान राज ठाकरे ने कहा, “मैंने कहा था कि झगड़े से बड़ा महाराष्ट्र है। हम 20 साल बाद एक मंच पर आए हैं। हमारे लिए कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। सिर्फ महाराष्ट्र और मराठी हमारे लिए एजेंडा है।”
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, “अगर मराठी मानुस न्याय चाहते हैं और आप हमें न्याय नहीं दे रहे हैं, तो हां हम ‘गुंडे’ हैं और हमें न्याय मिलेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि हमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खून की जांच करनी होगी कि वह मराठी हैं या नहीं।