पटना, 3 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के मतदाता सूची में नाम नहीं होने के दावे और दो मतदाता पहचान पत्र होने को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है।
इस बीच, बिहार के मंत्री श्रवण कुमार ने तेजस्वी यादव को नसीहत देते हुए कहा कि किसी भी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को बिना सोचे-समझे किसी पर ऐसे ही आरोप नहीं लगाना चाहिए। पटना में मीडिया से बातचीत में मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि इल्जाम लगाना आसान काम है लेकिन उसे प्रमाणित करना कठिन काम है। बिना परखे कुछ नहीं बोलना चाहिए। संवैधानिक पद पर बैठे हुए आदमी को ऐसा कृत्य नहीं करना चाहिए। बिना जांच किए हुए आरोप लगाना सही नहीं है। सबसे पहले जांच-पड़ताल कर लेना चाहिए था, फिर आरोप लगाना चाहिए था।
वहीं, सात अगस्त को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ नाश्ता पार्टी के लिए बैठक बुलाते हैं। उनके बैठक से कुछ होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव जब आया है, तो विपक्ष कई तरह के हथकंडे अपना रहा है, लेकिन जो सही है, वह सही है और जो गलत है, वह गलत है।
उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में सही मतदाता सूची से नहीं छूटेंगे और किसी स्थिति में गलत लोग जुटेंगे नहीं। इससे पहले, बिहार एनडीए प्रवक्ताओं ने पटना में आयोजित एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि दो एपिक नंबर कहां से आए? कोई भी व्यक्ति दो मतदाता पहचान पत्र नहीं रख सकता है। अगर रखता है तो यह अपराध है। तेजस्वी यादव के दो पहचान पत्र रखने पर सवाल उठाते हुए एनडीए के प्रवक्ताओं ने कहा कि चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और तत्काल इस मामले को लेकर तेजस्वी यादव पर मुकदमा दायर करना चाहिए। तेजस्वी यादव के पास दो एपिक होना गंभीर मामला है। एनडीए ने पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है।