बिहार : तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर लगाया दो ईपिक नंबर रखने का आरोप

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पटना, 10 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा पर दो इपिक नंबर रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका नाम दो विधानसभा बांकीपुर और लखीसराय मतदाता सूची में है।

उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि उन्होंने दो जगह से मतदाता पुनरीक्षण कार्य का फॉर्म भरा। पटना में एक प्रेस वार्ता में खुलासा करते हुए तेजस्वी यादव ने इसके सबूत दिखाते हुए कहा कि बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दो-दो विधानसभा क्षेत्र से अपना एसआईआर फॉर्म भरा। उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में भी बांकीपुर विधानसभा का जिक्र किया। लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि बांकीपुर के अलावा उन्होंने लखीसराय से भी अपना फॉर्म भर दिया। इतना ही नहीं, दोनों फॉर्म में उनकी उम्र भी अलग-अलग है।

उन्होंने कहा कि इन दोनों फॉर्म में उप मुख्यमंत्री ने खुद हस्ताक्षर किए होंगे। और अगर नहीं किया है तो फिर चुनाव आयोग एसआईआर में फर्जीवाड़ा कर रहा है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि कोई न कोई तो फर्जीवाड़ा किया है। चुनाव आयोग को इसकी जांच करनी चाहिए और डिप्टी सीएम को इसका जवाब देना चाहिए।

इधर, बिहार कांग्रेस ने भी उपमुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए कहा कि सबसे बड़े फ्रॉड उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा निकले। बिहार कांग्रेस ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर लिखा, “साहब दो जगह के मतदाता हैं – लखीसराय और बांकीपुर, पटना। ये दोनों जगह एसआईआर फॉर्म भी भरा है। दोनों जगह ड्राफ्ट में उनका नाम भी आ गया है। महत्वपूर्ण सवाल है कि यह कैसे हुआ? क्या वे पिछले चुनावों में दोनों जगह वोट दे रहे थे? तो क्या चुनाव आयोग ने उन्हें दो मताधिकार दिए हैं? नियम के खिलाफ जाकर दो जगह से एसआईआर फॉर्म क्यों भरा? चुनाव आयोग ने दो जगह से नाम कैसे ड्राफ्ट में डाल दिया? कब होगी इस फ्रॉड पर एफआईआर, कब होगा इस्तीफा? क्या चुनाव आयोग के नियम सिर्फ दलितों, पिछड़ों, गरीबों, मजदूरों के लिए हैं, भाजपाइयों के लिए नहीं?”

उन्होंने आगे कहा कि यह फ्रॉड भाजपा और चुनाव आयोग के गठजोड़ का नतीजा है। इसी तरह ये लोग पूरे देश में भाजपाइयों को दोहरी–तिहरी नागरिकता दे रहे हैं। कहीं एक पत्ते पर 80–80 वोट डल रहे हैं, तो कहीं एक व्यक्ति चार-चार बार वोट दे रहा है। चुनाव आयोग और भाजपाई , चोर–चोर मौसेरे भाई।