बांग्लादेश अवामी लीग ने कोलकाता में पार्टी कार्यालय की खबरों को खारिज किया

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ढाका, 11 अगस्त (आईएएनएस)। बांग्लादेश की अवामी लीग ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया है, जिसमें दावा किया गया है कि पार्टी ने भारत के कोलकाता में एक कार्यालय खोला है। पार्टी ने इसे मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा “दुर्भावनापूर्ण प्रचार” फैलाने का प्रयास बताया है।

सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पार्टी ने मीडिया रिपोर्टों पर गहरी चिंता व्यक्त की।

ये रिपोर्ट बिना किसी विश्वसनीय प्राथमिक स्रोत से पुष्टि किए केवल अफवाहों को बढ़ा रही है।

यूनुस प्रशासन की आलोचना करते हुए, अवामी लीग ने आरोप लगाया कि अवैध रूप से सत्ता हथियाने वाली सरकार सक्रिय रूप से ये निराधार अफवाहें फैला रही है।

पार्टी ने कहा कि इन अवैध कब्जेदारों ने देश भर में अवामी लीग के कार्यालयों पर हमला किया और लूटपाट की है और केंद्रीय कार्यालय पर अवैध रूप से कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं।

दूसरी ओर, वे यह झूठ फैला रहे हैं कि अवामी लीग ने कोलकाता में एक कार्यालय खोला है। बांग्लादेश अवामी लीग केवल बांग्लादेश और उसके लोगों के लिए राजनीति करती है। पार्टी का हर काम पूरी तरह से बांग्लादेश-केंद्रित है।

पार्टी ने यह भी दावा किया कि अंतरिम सरकार ने अवामी लीग के सभी अधिकार छीन लिए हैं और पूरे देश को बंद कर दिया है।

वर्तमान प्रशासन अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सामान्य राजनीतिक गतिविधियां करने का अवसर नहीं दे रही है।

अवामी लीग ने कहा कि बांग्लादेशी जनता के समर्थन से, वह घेरे गए राष्ट्र को आजाद कराएगी और उसके कब्जे वाले पदों को पुनः प्राप्त करेगी।

सरकार के सत्ता में आए एक साल का वक्त पूरा हो चुका है। शुक्रवार को अवामी लीग ने बांग्लादेश के संविधान की घोर अवहेलना करते हुए सत्ता हथियाने के लिए यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की तीखी आलोचना की।

पार्टी ने उल्लेख किया कि देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सामूहिक विफलता इस दिन को दक्षिण एशियाई राष्ट्र के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक बनाती है।

अवामी लीग के अनुसार, जिस दिन यूनुस शासन ने सत्ता संभाली, वह इतिहास में न केवल एक काला धब्बा है, बल्कि बांग्लादेश के लोगों के लिए एक चेतावनी भी है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क रहना और असहयोग व अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाना कितना जरूरी है।