पीएम मोदी-शिगेरु इशिबा की मुलाकात गंभीर वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार: जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज (आईएएनएस साक्षात्कार)

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जापान, 28 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार रात जापान की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रवाना होंगे। वह जापानी समकक्ष शिगेरु इशिबा के साथ 29 और 30 अगस्त को 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी के जापान दौरे से पहले जापान में भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज ने कहा कि भारत और जापान के बीच बेहतरीन संबंध हैं और इससे संबंधों को और मजबूती मिलेगी। दोनों देशों के बीच सभ्यतागत और सांस्कृतिक जुड़ाव है और दुनिया के इस खूबसूरत हिस्से की यात्रा करते हुए कोई भी गहरे भारतीय जुड़ाव को महसूस कर सकता है।

आईएएनएस के साथ एक विशेष बातचीत में सिबी जॉर्ज ने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रमों, अमेरिकी टैरिफ से उपजे वैश्विक व्यापार तनाव (भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ) के व्यापक प्रभाव सहित कई मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की आठवीं जापान यात्रा से पहले प्रवासी भारतीयों की उत्सुकता के बारे में भी बात की।

साक्षात्कार के कुछ अंश:

आईएएनएस: प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा का क्या महत्व है?

सिबी जॉर्ज: भारत और जापान के बीच बेहतरीन संबंध हैं। हमारे बीच सभ्यतागत और सांस्कृतिक जुड़ाव है। जब आप जापान के इस खूबसूरत हिस्से में जाएंगे तो भारत की उपस्थिति साफ दिखाई देगी। इसी मजबूत बुनियाद पर दोनों देशों ने अपने रिश्ते बनाए हैं। 2014 में भारत और जापान ने एक विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की नींव रखी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस मजबूत साझेदारी की शुरुआत की थी। यह विशेष, रणनीतिक और वैश्विक है और सबसे महत्वपूर्ण बात, यह एक वास्तविक और गतिशील साझेदारी है। पिछले 10 वर्षों में, हमने इसे लगातार आगे बढ़ाया है। इस सप्ताह जापान में होने वाला वार्षिक शिखर सम्मेलन अब तक हुई प्रगति की समीक्षा करने और हमारी साझेदारी को और ऊंचाई पर ले जाने के लिए एक नया रोडमैप तैयार तत्कालीन

आईएएनएस: प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम क्या है? क्या वह प्रवासी भारतीयों से भी मिलेंगे?

सिबी जॉर्ज: जापान में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम बहुत व्यस्त है। वह 29 और 30 अगस्त को दो दिनों के लिए यहां रहेंगे। अपने प्रवास के दौरान, वह जापानी समकक्ष के साथ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। अन्य द्विपक्षीय बैठकें, व्यापारिक समुदाय के साथ बातचीत के अलावा प्रवासी भारतीयों द्वारा आयोजित एक स्वागत समारोह भी होगा।

सिबी जॉर्ज ने कहा, हमारे द्विपक्षीय संबंध राजनीतिक, व्यावसायिक, रणनीतिक, आर्थिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और सबसे महत्वपूर्ण, लोगों के बीच आपसी संपर्क, कई आयामों में फैले हुए हैं। इस यात्रा के दौरान इन सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। इस वर्ष, हम भारत-जापान विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार आदान-प्रदान वर्ष भी मना रहे हैं, इसलिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित कार्यक्रम और चर्चा भी होंगी।

आईएएनएस: यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। इस दबाव से निपटने में जापान कितना मददगार हो सकता है?

सिबी जॉर्ज: आज हम एक ऐसे विश्व में रह रहे हैं जो जटिल भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक चुनौतियों से प्रभावित हो रहा है। भारत और जापान, हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दो महत्वपूर्ण देश होने के नाते इन मुद्दों के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

जब दुनिया की चौथी और पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेता मिलते हैं तो स्वाभाविक रूप से चर्चा महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों तक पहुंच जाती हैं। मैं होने वाली चर्चाओं के विवरण में नहीं जाऊंगा, लेकिन आश्वस्त रहिए कि भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक मुद्दे एजेंडा का प्रमुख हिस्सा होंगे।

आईएएनएस: क्या भारत और जापान मिलकर अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव का मुकाबला कर सकते हैं?

सिबी जॉर्ज: जैसा कि मैंने पहले भी जिक्र किया है, मैं चर्चाओं की विस्तृत विषयवस्तु पर अटकलें नहीं लगाऊंगा। हालांकि, दो प्रमुख वैश्विक शक्तियों के रूप में भारत और जापान, निश्चित रूप से दोनों देशों व्यापक वैश्विक व्यवस्था को प्रभावित करने वाले भू-राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों के व्यापक दायरे पर चर्चा करेंगे।

आईएएनएस: यदि अमेरिका से निर्यात हटा दिया जाता है तो जापान क्या भूमिका निभा सकता है?

सिबी जॉर्ज: जापान हमेशा से भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार रहा है। जैसे-जैसे हम 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं, इस यात्रा में जापान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हाल ही में, प्रधानमंत्री ने सुजुकी मोटर्स द्वारा निर्मित एक इलेक्ट्रिक वाहन कारखाने का उद्घाटन किया। सुजुकी 40 साल पहले पहली बार भारत आई थी और उसने हमारे ऑटोमोबाइल उद्योग को बदल दिया। इसने एक ऑटोमोबाइल क्रांति को जन्म दिया। जापानी कंपनियां भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में अहम योगदान दे रही हैं। आर्थिक सहयोग के संदर्भ में, जापान न केवल एक महत्वपूर्ण प्लेयर है, बल्कि विश्वसनीय साझेदार भी है। हम इस जुड़ाव को और मजबूत करते रहेंगे।

आईएएनएस: जापान में प्रधानमंत्री मोदी को लेकर कितनी उत्सुकता है? क्या जापान के लोग उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं?

सिबी जॉर्ज: बिल्कुल, जापान के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत जुड़ाव महसूस करते हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने जापान का दौरा किया था। प्रधानमंत्री बंनने के बाद वह कई बार जापान आ चुके हैं। यह एक ऐसी साझेदारी है जो पिछले दस वर्षों में उनके नेतृत्व में काफी विकसित हुई है। जापान के लोग वास्तव में इसकी कद्र करते हैं। आप स्वयं ही उत्साह देखेंगे। न केवल हमारे प्रवासी भारतीयों, बल्कि हमारे जापानी मित्रों का भी गर्मजोशी से स्वागत, उनके जुड़ाव को दर्शाता है।

आईएएनएस: वर्तमान जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ प्रधानमंत्री मोदी के संबंधों की प्रकृति कैसी है?

सिबी जॉर्ज: प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री इशिबा कई बार मिल चुके हैं। उदाहरण के लिए, दावोस और कनाडा में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान। दोनों नेता फोन और राजनयिक माध्यमों से नियमित संपर्क में रहे हैं। मुझे अच्छी तरह याद है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री इशिबा, मोदी से संपर्क करने वाले वैश्विक नेताओं में शामिल थे। प्रधानमंत्री इशिबा ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में समर्थन जताया है। वे एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं और उनके बीच आपसी सम्मान और समझ है, जो प्रोटोकॉल से परे है। मुझे विश्वास है कि यह आगामी यात्रा इस व्यक्तिगत तालमेल और रणनीतिक विश्वास को और गहरा करेगी।