नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के शीर्ष 10 लिस्टेड डेवलपर्स को वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 44,317 करोड़ रुपए की कुल बुकिंग मिली हैं, जो कि चालू वित्त वर्ष के लिए उनके लक्ष्य 1,49,108 करोड़ रुपए का 30 प्रतिशत है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
एनारॉक रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा, “वे (शीर्ष 10 लिस्टेड डेवलपर्स) वित्त वर्ष 26 में 1.49 लाख करोड़ रुपए से अधिक के अपने बुकिंग लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर हैं।”
इससे पहले शीर्ष 10 लिस्टेड डेवलपर्स ने वित्त वर्ष 25 के लिए 1,20,818 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया था और चालू वित्त वर्ष में इसे 23 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 25 में लिस्टेड डेवलपर्स में गोदरेज प्रोपर्टीज सबसे आगे रहा। इस दौरान उसकी प्री-सेल्स 29,444 करोड़ रुपए थी। इसके बाद डीएलएफ की सेल्स बुकिंग करीब 21,233 करोड़ रुपए थी।
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, “डीएलएफ ने वित्त वर्ष 2026 के लिए 20,000-22,000 करोड़ रुपए के अपने कुल प्री-सेल्स लक्ष्य का लगभग 52 प्रतिशत वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में हासिल कर लिया है।”
रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में एनबीएफसी संकट और उसके बाद महामारी से उत्पन्न व्यवधानों के बाद, डेवलपर्स को फंडिंग की कमी और बिक्री में गिरावट का सामना करना पड़ा।
कई डेवलपर्स खासकर बड़े और सूचीबद्ध डेवलपर्स ने कर्ज कम करने, प्री-सेल्स में सुधार, परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण और इक्विटी पूंजी जुटाने पर ध्यान केंद्रित किया।
इस कारण कई शीर्ष डेवलपर्स ने अपने शुद्ध ऋण-से-इक्विटी अनुपात को कम कर दिया है, और कुछ ने तो शुद्ध नकदी स्थिति भी हासिल कर ली है।
हालांकि, रियल एस्टेट क्षेत्र के लोन-आधारित डेवलपमेंट से बैलेंस-शीट-आधारित डेवलपमेंट की ओर बदलाव, इस सेक्टर के परिचालन मॉडल में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है।
रिपोर्ट में कहा गया, “लगभग शून्य ऋण स्तर, खरीदारों की बेहतर धारणा और अनुकूल मौद्रिक नीति स्थितियों के साथ, वित्त वर्ष 26 में उद्योग एक स्थिर, विश्वास-आधारित, प्रदर्शन-आधारित चक्र में है जिसमें दीर्घकालिक संभावनाएं हैं।”