सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र, पंजाब के बाढ़ प्रभावितों के लिए विशेष पैकेज की मांग

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चंडीगढ़, 1 सितंबर (आईएएनएस)। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पंजाब के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए तत्काल राहत और सहायता की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य के हजारों गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जहां लोग घर छोड़ने को मजबूर हैं या फिर छतों पर शरण लेने को विवश हैं।

प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित करते हुए बादल ने अपने पत्र में लिखा कि बाढ़ के कारण पंजाब का अधिकांश सीमावर्ती इलाका पानी में डूबा हुआ है। फसलों का भारी नुकसान हुआ है, हजारों मकान ढह गए हैं और सड़क तथा बिजली जैसी बुनियादी ढांचे की व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। लोग और पशुधन भोजन, पानी, चारे और आश्रय के लिए जूझ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वह स्वयं कई प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुके हैं और लोगों की पीड़ा को नजदीक से देखा है। लेकिन इस त्रासदी के बीच राज्य सरकार की उदासीनता ने जनता का दुख और बढ़ा दिया है। राज्य सरकार बाढ़ प्रभावितों की ज़रूरतों को पूरा करने में असमर्थ रही है और पंजाब में चल रहे राहत और बचाव कार्यों में बड़ी खामियां हैं। बाढ़ प्रभावितों को अंतरिम मुआवज़ा देने के साथ-साथ उनके पुनर्वास के उपाय करने का भी मुद्दा है।

बादल ने पंजाब के लोगों के साहस और सेवा भावना की सराहना करते हुए कहा कि इस त्रासदी के बीच भी लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) भी राहत कार्यों में सक्रिय है और प्रभावित क्षेत्रों में लंगर व मेडिकल कैंप चला रही है।

सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि पंजाब के लिए विशेष राहत पैकेज जारी किया जाए और राज्य में राहत व बचाव कार्यों को सुचारू बनाने के लिए अतिरिक्त एनडीआरएफ और सेना के जवानों व उपकरणों की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल नुकसान, मकानों की क्षति और पशुओं की मौत की भरपाई के लिए सीधे आर्थिक सहायता की ज़रूरत है। साथ ही, उन्हें भोजन व ऋण वसूली से राहत दी जाए। उन्होंने किसानों के कर्ज माफ करने की भी मांग की, ताकि वे नई शुरुआत कर सकें।

बादल ने आगे कहा कि यह बाढ़ 40 साल बाद आई भीषण आपदा है। वर्षों से बाढ़ सुरक्षा कार्यों की अनदेखी की गई है, जिसके चलते लोगों की मुश्किलें और बढ़ी हैं। ऐसे में केंद्र सरकार से अनुरोध है कि प्रमुख नदियों और नालों के किनारे बाढ़ सुरक्षा कार्यों के लिए विशेष फंड जारी किए जाएं और जहां जरूरी हो वहां पक्के बांध बनाए जाएं।