नई दिल्ली, 14 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन से प्रवासन संकट पैदा हो सकता है।
हाल ही में अधिसूचित अधिनियम को लेकर आप नेता के रुख पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना का जवाब देते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि गृह मंत्री की प्रतिक्रिया सीएए के संबंध में उनके मूल सवालों के जवाब देने में विफल रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री की प्रतिक्रिया उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा, “वर्तमान बेरोजगारी की चुनौतियों को देखते हुए, सरकार सीएए के तहत पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के लिए नौकरियाँ और आवास कैसे प्रदान कर सकती है?”
सीएम ने सीएए के कार्यान्वयन के कारण विभाजन युग से भी ज्यादा की संख्या में प्रवासन की भी चेतावनी दी।
उन्होंने यह भी कहा कि सीएए के तहत, पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता मिलेगी, जो इन देशों के 2.5 करोड़ से अधिक लोगों के लिए अत्यधिक महत्व वाली संभावना है।
सीएम केजरीवाल ने इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आगमन को समायोजित करने की तार्किक चुनौती पर चिंता जताई और उन्हें घर देने की तैयारियों पर सवाल उठाए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “नागरिकता मानदंडों में ढील से अधिक लोग सीमा पार कर भारत में आने के लिए प्रोत्साहित होंगे।”
इस बीच, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए बड़ी संख्या में हिंदू प्रवासियों ने उनके बयान को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के सामने विरोध-प्रदर्शन किया। हाथों में तख्तियाँ लिए और सीएम केजरीवाल के खिलाफ नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने माफी की मांग की। उन्होंने कहा कि उनका बयान गलत और हिंदू समुदाय के खिलाफ है।
प्रदर्शनकारियों के पास विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं होने के कारण पुलिस ने सीएम आवास के पास के इलाके की बैरिकेडिंग कर दी।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बुधवार को कानून के कार्यान्वयन की आलोचना करते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर भारतीय नागरिकों के हितों के मुकाबले विदेशियों के हितों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया।