महाराष्ट्र, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय आयुष मंत्रालय और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचरोपैथी के सहयोग से पुणे में सीएच-2 वर्ल्ड फाउंडेशन का बुधवार को उद्घाटन किया गया। इस उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय आयुष एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री प्रताप राव जाधव रहे।
प्रताप राव जाधव ने कहा कि पिछली बार के डाटा के अनुसार 44 करोड़ से ज्यादा लोगों ने इसका लाभ उठाया था। फिलहाल हमारे पास लेटेस्ट डाटा नहीं है। उन्होंने कहा कि देश भर में 12,500 आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू हो चुके हैं।
प्राथमिक आरोग्य केंद्र में भी आयुष के विभाग खोले गए हैं। इतना ही नहीं, ग्लोबल स्टैंडर्ड के अस्पताल में भी आयुष के विभाग खोले गए हैं, जिसमें बीमार लोगों का उपचार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी परंपरागत उपचार पद्धतियों को ही मिलकर आयुष बना है। आयुष का फुल फॉर्म ही आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी है।
इससे पहले केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने कहा था कि आयुष मंत्रालय यूनानी सहित आयुष प्रणालियों को आधुनिक चिकित्सा के साथ एकीकृत करने के लिए कई पहल कर रहा है। सरकार ने यूनानी चिकित्सा पद्धति में शिक्षा और अनुसंधान के लिए नई दिल्ली में केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम) और बेंगलुरु में राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम) स्थापित किए हैं।
इसमें नई दवाओं का विकास और वैज्ञानिक तरीके से उनका परीक्षण भी शामिल है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 200 बिस्तरों वाले एक अस्पताल के साथ राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान की एक शाखा भी खोली गई है। इसके अलावा, देशभर में सीसीआरयूएम के तहत कुल 21 नैदानिक संस्थान/इकाइयां काम कर रही हैं।
ये क्लिनिकल संस्थान/इकाइयांं सामान्य ओपीडी, प्रजनन और बाल स्वास्थ्य ओपीडी, वृद्धावस्था ओपीडी, गैर-संचारी रोग क्लीनिक आदि के जरिए इलाज देती हैं।
सीसीआरयूएम और एनआईयूएम दोनों ने कई बीमारियों पर अनुसंधान अध्ययन किए हैं, जिनमें गठिया, ब्रोन्कियल अस्थमा, एनीमिया, चिंता, अवसाद, न्यूरो-डीजनरेटिव रोग, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां जैसे उच्च रक्तचाप, मोटापा, डिस्लिपिडेमिया, मधुमेह और त्वचा के रोग जैसे विटिलिगो आदि शामिल हैं।













