भगवंत मान की हरियाणा सीएम से अपील, वाई पूरन कुमार के परिजनों को दिलाएं न्याय

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चंडीगढ़, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को हरियाणा आईपीएस वाई. पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान सीएम भगवंत मान ने कहा कि परिवार के दुख को शब्दों में नहीं बताया जा सकता।

सीएम भगवंत मान ने कहा कि अमनीत पी. कुमार हरियाणा में आईएएस हैं, पंजाब की बेटी और सीनियर अधिकारी हैं, लेकिन उनको भी इंसाफ की गुहार लगानी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि भारत एक गुलदस्ता है, जिसमें अलग-अलग रंग के फूल हैं। एक लड़का जो इतने बड़े पद पर पहुंचा, उसको ऐसा कदम उठाना पड़ा। आज ऐसा हो रहा है कि अगर कोई नीचे से ऊपर आ गया तो उसे बढ़ने नहीं दिया जा रहा है।

भगवंत मान ने कहा कि मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि इस परिवार को न्याय दिया जाए। कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। उन्होंने कहा कि अमनीत पी. कुमार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को लागू करने में अहम भूमिका थी। मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री से भी बात करूंगा। केंद्र व राज्य सरकार इस मामले में इंसाफ दिलाएं।

सीएम भगवंत मान ने कहा कि मैंने दलित समाज से आने वाले आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या के मामले में राज्यपाल से मुलाकात करके कहा है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें और परिवार से बात करके उनकी समस्याओं को दूर करें। आज बूढ़े माता-पिता और पूरा परिवार परेशान हैं और उनकी बात तक सुनी नहीं जा रही है। मैं केंद्र और राज्य सरकार से मांग करता हूं कि परिवार की मांग सुनी जाए।

उन्होंने कहा कि आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन जी की धर्मपत्नी खुद आईएएस अधिकारी हैं और पंजाब की बेटी हैं। आज पूरा पंजाब अपनी बेटी के साथ खड़ा हुआ है। वह दोषी लोगों के खिलाफ एफआईआर करने और एक्शन लेने की मांग कर रही हैं, लेकिन सरकार सुन नहीं रही है। वाई. पूरन ने अपनी चिट्ठी में लिखा भी है कि उन्हें प्रताड़ित किया जाता है और इसकी शिकायत भी की गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी।

आम आदमी पार्टी की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया गया कि पंजाब सीएम भगवंत मान ने आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात की। पूरन जी के परिवार के साथ जो यह दुखद हादसा हुआ है, उसकी कल्पना करना भी बेहद मुश्किल है। वाई पूरन जी आईपीएस अधिकारी थे और इस समय एडीजीपी रैंक के अधिकारी थे। आज उनके परिवार को भी इंसाफ नहीं मिल पा रहा है। देश में दलित सीजेआई से दुर्व्यवहार किया गया। सोशल मीडिया पर उनका मजाक बनाया जा रहा है, उन्हें धमकियां मिल रही हैं। यह बताता है कि कुछ लोग दलित समाज के लोगों को उच्च पदों पर देख नहीं सकते।”