किसानों ने सीएम मोहन यादव को भावांतर राशि की घोषणा पर दिया धन्यवाद

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उज्जैन, 12 अक्‍टूबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर राशि की घोषणा के बाद रविवार को उज्जैन में किसानों ने सीएम के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया। इस दौरान किसानों ने कृषि उपज मंडी प्रांगण से एक ऐतिहासिक ‘धन्यवाद ट्रैक्टर रैली’ निकाली, जिसमें लगभग तीन हजार ट्रैक्टर शामिल हुए।

मुख्यमंत्री के इस संवेदनशील और दूरदर्शी निर्णय ने प्रदेशभर के कृषक वर्ग में नई ऊर्जा का संचार किया है। किसानों ने इस घोषणा को न केवल अपने आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया, बल्कि इसे प्रदेश सरकार की किसान कल्याण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक भी कहा।

रविवार सुबह कृषि उपज मंडी प्रांगण से रैली का शुभारंभ हुआ। ट्रैक्टरों पर सवार किसानों के चेहरों पर नई आशा, उत्साह और विश्वास की मुस्कान झलक रही थी। मुख्यमंत्री के समर्थन में गूंजते नारों के बीच यह विशाल काफिला शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरा। रैली के मार्ग में सड़क किनारे खड़े नागरिकों ने किसानों का गर्मजोशी से स्वागत किया। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल भी पूरी तरह मुस्तैद रहा।

विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए रैली का समापन दशहरा मैदान में हुआ, जहां एक विशाल किसान आभार सभा का आयोजन किया गया। सभा में किसानों ने सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री मोहन यादव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदैव किसानों के हितों को प्राथमिकता दी है और यह भावांतर राशि की घोषणा विपरीत परिस्थितियों में आय को स्थिर करने में सहायक सिद्ध होगी।

किसानों ने यह भी कहा कि यह रैली उज्जैन के इतिहास में किसानों की एकता और मुख्यमंत्री के प्रति उनके विश्वास का स्वर्णिम अध्याय बन गई है। उल्लेखनीय है कि भावांतर योजना के तहत पंजीयन प्रक्रिया 3 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है, और यह योजना 24 अक्टूबर से प्रदेशभर में प्रभावी हो जाएगी।

किसान अनिल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “भावांतर किसान यात्रा एक किसान मार्च है। मुख्यमंत्री ने यह व्यवस्था की है कि यदि सोयाबीन की बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर होती है, तो अंतर की राशि पंजीकृत किसान के विक्रय के 15 दिन बाद सीधे उसके बैंक खाते में जमा की जाएगी।”

किसान कमल त्रिवेदी और अशोक ने कहा कि मुख्यमंत्री वास्तव में किसानों के हितैषी हैं। कमल ने बताया कि प्रदेश में ‘किसान की सरकार’ है, जो बारिश से हुए फसल नुकसान की भरपाई के लिए हर गांव में सर्वे करा रही है।

किसान चतुर्भुज और विजय ने भी कहा कि यह ‘किसानों की सरकार’ है, और भावांतर योजना ने किसानों का आत्मविश्वास और भरोसा दोनों बढ़ाया है।