झारखंड: सारंडा जंगल में नक्सलियों के आईईडी विस्फोट से घायल हथिनी ने तोड़ा दम

0
7

चाईबासा, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित सारंडा जंगल में नक्सलियों के आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हुई हथिनी ने तोड़ दिया। सूचना पाकर रविवार को पहुंची वन विभाग की टीम ने जंगल में ही उसका पोस्टमार्टम कराया।

नक्सलियों ने सुरक्षा बलों और पुलिस को नुकसान पहुंचाने के इरादे से सारंडा के घने जंगलों में जमीन के नीचे कदम-कदम पर आईईडी लगा रखे हैं। इसकी चपेट में आने से इस वर्ष तीन हाथियों की मौत हो चुकी है। रविवार को जिस हथिनी की मौत हुई, उसके बारे में वन विभाग को एक हफ्ते पहले जानकारी मिली थी। उसका दायां पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया था और मांस का लोथड़ा लटक रहा था।

मौके पर पहुंची वन्यजीव चिकित्सकों की टीम ने उसे एंटीबायोटिक और दर्द निवारक दवाएं दी थीं, लेकिन संक्रमण लगातार बढ़ता गया। ग्रामीणों और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इलाज में देरी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। उनका कहना है कि विभाग को सूचना मिलने में काफी वक्त लग गया और जब तक टीम मौके पर पहुंची, हथिनी का जख्म बुरी तरह फैल चुका था।

इलाके के लोगों का कहना है कि अगर विभाग की टीम जंगल में नियमित गश्त करती तो घायल हथिनी को समय रहते उपचार मिल सकता था। इससे पहले 5 जुलाई को इसी इलाके में छह वर्षीय हाथी ने विस्फोट में घायल होने के बाद दम तोड़ दिया था। स्थानीय ग्रामीण उस हाथी को प्यार से ‘गडरू’ नाम से पुकारते थे। वह 24 जून को विस्फोट में घायल हुआ था और कई दिनों तक दर्द में घिसटता रहा। वन विभाग ने तब गुजरात की संस्था ‘वनतारा’ की मेडिकल रेस्क्यू टीम की मदद ली थी, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद वह हाथी नहीं बच पाया था।