दुर्गापुर गैंगरेप केस: ममता के बयान पर भड़के प्रदीप भंडारी, बोले- ‘पीड़िता को दोषी ठहराना शर्मसार’

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नई दिल्ली/कोलकाता, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। इस मामले ने न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि सियासी तूफान भी खड़ा कर दिया है।

घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “लड़की एक निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही थी। इसकी जिम्मेदारी किसकी है? निजी मेडिकल कॉलेजों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने छात्रों, खासकर छात्राओं की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। रात में उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।”

ममता बनर्जी की ‘रात में बाहर नहीं जाने’ वाली टिप्पणी ने सियासी गलियारों में विवाद को जन्म दे दिया है। भाजपा ने ममता के बयान को असंवेदनशील और पीड़िता को दोषी ठहराने वाला करार दिया है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “ममता बनर्जी का बयान पीड़िता को दोषी ठहराने को बढ़ावा देता है और इस तरह के कृत्य को वैध ठहराता है। एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद पश्चिम बंगाल में उनकी नीतियां महिला विरोधी हैं।”

प्रदीप भंडारी ने आगे कहा कि ममता बनर्जी के बयान से पता चलता है कि उनकी मानसिकता महिला विरोधी है। मुख्यमंत्री होने के बावजूद उनके प्रशासन का इतिहास पीड़ितों को दोष देने का रहा है, जो उनकी महिला विरोधी सोच को उजागर करता है।

पश्चिम बंगाल महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि इस मामले में सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

अर्चना मजूमदार ने बताया, “मैंने दुर्गापुर के एसपी और स्थानीय थाने के प्रभारी अधिकारी से बात की। उन्होंने बताया कि पांच लोगों की पहचान कर ली गई है, जिनमें से तीन को गिरफ्तार किया जा चुका है। जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल की जाएगी। मेडिकल सैंपल इकट्ठा कर स्टेट फोरेंसिक लैब भेज दिए गए हैं।”

उन्होंने कहा कि महिला आयोग की अध्यक्ष के निर्देश पर हमने मामले पर स्वतः संज्ञान लिया और घटनास्थल का दौरा कर पीड़िता, उनके सहपाठियों और अभिभावकों से मुलाकात की।”