इंफाल, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। मणिपुर में सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन/टीसीआई) अनुराग बाजपेयी ने प्रमुख विभागों के बीच प्रभावी समन्वय पर बल दिया है। उन्होंने बताया कि अगर राज्य सरकार की एजेंसियां समन्वित तरीके से कार्य करें तो सड़क सुरक्षा में बहुत सुधार संभव है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग बाजपेयी ने यह बयान इंफाल पूर्व के टॉप दशहरा में आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में दिया। कार्यशाला का आयोजन मणिपुर सरकार के परिवहन विभाग और एनआईसी, मणिपुर राज्य इकाई के सहयोग से किया गया था।
कार्यशाला का फोकस इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ईडीएआर), सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार योजना 2025, और हिट एंड रन मोटर वाहन दुर्घटना पीड़ितों के लिए मुआवजा योजना पर था। उद्घाटन समारोह में सचिव (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)/मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी, केंगू ज़ुरिंगला, और पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं ईडीएआर के राज्य पुलिस नोडल अधिकारी जोगेशचंद्र हाओबिजम सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। विभिन्न विभागों के अधिकारी और पुलिसकर्मी भी इस आयोजन में शामिल हुए।
मीडिया से बातचीत में वाजपेयी ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना, दुर्घटनाओं और मौतों को रोकना, और पीड़ितों को कैशलेस उपचार व वित्तीय सहायता प्रदान करना है। ईडीएआर प्रणाली के जरिए दुर्घटना से संबंधित आंकड़े वास्तविक समय में एकत्र किए जाएंगे, जिससे परिवहन, पुलिस, स्वास्थ्य, और लोक निर्माण विभागों के बीच त्वरित प्रतिक्रिया और बेहतर समन्वय स्थापित होगा।
उन्होंने मणिपुर के पहाड़ी इलाकों और अंतर-विभागीय समन्वय की कमी को सड़क दुर्घटनाओं के गंभीर परिणामों का प्रमुख कारण बताया। बाजपेयी ने जोर देकर कहा कि इन विभागों को एकजुट होकर दुर्घटनाओं को रोकने और पीड़ितों को समय पर सहायता प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। इस कार्यशाला में परिवहन विभाग की निदेशक खुमानथेम डायना देवी ने भी विचार साझा किए, जिसमें सड़क सुरक्षा के लिए तकनीकी और नीतिगत उपायों पर चर्चा हुई।