ग्रेटर नोएडा : सीपीआर जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ, छह टीमें गठित

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ग्रेटर नोएडा, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा स्थित गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जिम्स) में सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) जागरूकता सप्ताह का भव्य शुभारंभ किया गया। यह 17 अक्टूबर तक मनाया जाएगा।

कार्यक्रम की शुरुआत गौतम बुद्ध नगर जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय, विकास भवन में हुई। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला मजिस्ट्रेट मेधा रूपम ने दीप प्रज्वलित कर किया।

इस अवसर पर ब्रिगेडियर (डॉ.) राकेश गुप्ता, निदेशक, जीआईएमएस; शिवकांत द्विवेदी, मुख्य विकास अधिकारी; एसपी. सिंह, जिला विकास अधिकारी; डॉ. नरेंद्र कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित जीआईएमएस के वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ. विकास शर्मा, डॉ. मनबेंद्र बैद्य, डॉ. सोनल सिंह एवं डॉ. अंकित गुप्ता मौजूद रहे।

जागरूकता सत्र के दौरान प्रतिभागियों को कंप्रेशन – ओनली लाइफ सपोर्ट की जानकारी दी गई तथा विशेषज्ञों द्वारा हैंड्स-ऑन सीपीआर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रतिभागियों ने हृदय गति रुकने की स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान करने का संकल्प भी लिया।

इसी क्रम में जीआईएमएस अस्पताल परिसर में भी सीपीआर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां ब्रिगेडियर (डॉ.) राकेश गुप्ता ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि सीपीआर एक जीवन रक्षक तकनीक है, जिसे हर नागरिक को सीखना चाहिए। समय पर सीपीआर देने से किसी की जान बचाई जा सकती है।

कार्यक्रम में डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, सीएमएस; प्रो. (डॉ.) रंभा पाठक, डीन; डॉ. भूपेंद्र एस. यादव, फैकल्टी इंचार्ज एडमिनिस्ट्रेशन सहित अनेक वरिष्ठ चिकित्सक शामिल हुए। समुदाय तक इस पहल को पहुंचाने के उद्देश्य से छह विशेष सीपीआर प्रशिक्षण दल गठित किए गए हैं, जिनका नेतृत्व डॉ. मनबेंद्र बैद्य, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. विनय कुमार, डॉ. संतोष वर्मा, डॉ. सुमेध और डॉ. सोनल सिंह कर रहे हैं।

टीमें न केवल जीआईएमएस परिसर में बल्कि आसपास स्थित शैक्षिक संस्थानों जैसे सावित्री बाई फुले गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज, जीएल बजाज इंस्टीट्यूट और गलगोटिया यूनिवर्सिटी में भी प्रशिक्षण एवं जागरूकता सत्र आयोजित करेंगी। यह सप्ताहभर चलने वाला अभियान जीआईएमएस की सामुदायिक स्वास्थ्य संवर्धन, आपातकालीन तैयारी एवं जीवन रक्षक कौशलों के प्रसार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

संस्था का प्रयास है कि हर नागरिक सीपीआर सीखकर ‘पहला रिस्पॉन्डर’ बन सके और आपदा की स्थिति में किसी की जान बचाने में योगदान दे सके।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम