वाराणसी, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। महादेव की नगरी काशी अपनी भव्यता और आस्था के लिए पूरे देश में मशहूर है। यहां की देव दीपावली तो जैसे इस पवित्र शहर की पहचान बन चुकी है। हर साल की तरह इस बार भी वाराणसी में देव दीपावली का महाउत्सव बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा।
इस बार देव दीपावली पर 9 लाख मिट्टी के दीए और 1 लाख गोबर के दीए जलाए जाएंगे। इन दीयों से न सिर्फ घाटों पर रोशनी फैलेगी बल्कि यह पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने का भी संदेश देंगे।
पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार के अनुसार, इस बार देव दीपावली की छटा पहले से भी ज्यादा अद्भुत और आकर्षक होगी। सभी घाटों को लाखों दीपों की माला से सजाया जाएगा, जिससे पूरी काशी एक अलौकिक प्रकाश से जगमगा उठेगी। इसके साथ ही लेजर शो का भी आयोजन किया जा रहा है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव देगा।
देव दीपावली से पहले गंगा महोत्सव का आयोजन 1 से 4 नवंबर तक होगा। इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। देश-विदेश से कलाकार और पर्यटक इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। घाटों की सजावट, बिजली की लाइटिंग और सफाई का काम तेजी से चल रहा है ताकि काशी आने वाले हर व्यक्ति का स्वागत सुंदर और पवित्र माहौल में किया जा सके।
चेत सिंह किला पर लेजर शो और धार्मिक प्रस्तुतियों का विशेष आयोजन किया जाएगा। वहीं इस बार ग्रीन आतिशबाजी से काशी की देव दीपावली और भी खास बनेगी, जिससे प्रदूषण भी कम होगा।
दीपावली की तारीख को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है। भरत मिलाप आश्रम के महंत स्वामी नारायण दास महाराज ने बताया कि दीपावली भारतीय सनातन संस्कृति का प्रमुख पर्व है। उन्होंने कहा कि काशी विद्वत परिषद वाराणसी के मतानुसार इस वर्ष दीपावली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी, क्योंकि उसी दिन अमावस्या और लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त है, जबकि 21 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन के लिए कोई शुभ समय नहीं है।