नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को कहा कि पेरिस समझौते को अपनाए जाने के एक दशक पूरे हो गए। इस अवसर पर सीओपी30 को एक दृढ़ राजनीतिक संदेश देना चाहिए कि बहुपक्षवाद वैश्विक जलवायु कार्रवाई की आधारशिला बना हुआ है।
एक अधिकारी ने बयान में कहा कि वह ब्राजील में प्री-सीओपी30 मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन में भारत के हस्तक्षेप का नेतृत्व कर रहे थे।
मंत्री ने सीओपी30 प्रेसीडेंसी को खुले और दूरदर्शी संवाद के लिए एक समावेशी माहौल बनाने के लिए बधाई दी। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के पक्षकारों के सम्मेलन (सीओपी30) की 30वीं बैठक 10 से 21 नवंबर तक आयोजित की जाएगी।
अपने संबोधन में, यादव ने इस बात पर जोर दिया कि बेलेम में ठोस परिणाम सुनिश्चित करने के लिए, वैश्विक नीतिगत प्रतिबद्धताओं को व्यावहारिक, स्थानीय स्तर पर आधारित समाधानों में बदलना जरूरी है।
उन्होंने कहा, “जलवायु प्रतिबद्धताओं को वास्तविक दुनिया की कार्रवाइयों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जो कार्यान्वयन में तेजी लाएं और लोगों के जीवन में सीधे सुधार लाएं।”
मंत्री ने जोर देकर कहा, “सीओपी30 अनुकूलन का सीओपी होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि सभी देशों को यूएई-बेलेम कार्य कार्यक्रम के संकेतकों के एक न्यूनतम पैकेज पर सहमत होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, “हमें बाकू अनुकूलन रोड मैप के जरिए दुनिया को एक प्रेरक संदेश देना चाहिए कि हम अरबों लोगों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने की राह पर हैं, और किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना है।”
यादव ने इस बात पर जोर दिया कि सबसे बढ़कर, अनुकूलन के लिए सार्वजनिक वित्त के प्रवाह को मजबूत और तीव्र करने की जरूरत है, जिससे शायद अन्य स्रोतों से भी वित्त का प्रवाह बढ़े।
पेरिस समझौते की व्यवस्था पूरी तरह से चालू हो चुकी है, इसलिए अब जीएसटी के बाद की प्रक्रियाओं (ग्लोबल स्टॉक टेक) पर ज़ोर देकर इसकी संरचना को कमजोर करने का समय नहीं है, जो नए तंत्र निर्धारित करने की कोशिश करती हैं। उन्होंने कहा कि आइए हम पहले जीएसटी से अवगत हों और अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन को दोहराते हुए, मंत्री ने बताया कि भारत समस्या का नहीं, बल्कि समाधान का हिस्सा बनना चाहता है।
मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन से लेकर अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट गठबंधन तक भारत की पहल, सहयोगात्मक और कार्य-उन्मुख बहुपक्षवाद की इसी भावना को दर्शाती हैं।
यादव ने कहा, “बेलेम में होने वाला सीओपी30 बहुपक्षवाद, समानता और लोगों व पृथ्वी के लिए वास्तविक, मापनीय कार्रवाई करने के सामूहिक संकल्प में विश्वास की पुष्टि करे।”