श्रीनगर, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) फ्रंटियर मुख्यालय कश्मीर और कम्पोजिट अस्पताल बीएसएफ श्रीनगर ने सोमवार को फ्रंटियर मुख्यालय सम्मेलन हॉल में एक मेडिकल सेमिनार और सीएमई (निरंतर चिकित्सा शिक्षा) का आयोजन किया।
एक बयान में बताया गया कि इस सम्मेलन का विषय “स्वस्थ योद्धा, सुरक्षित सीमाएं; सुरक्षा करने वालों की सुरक्षा” था।
एक अधिकारी ने बताया कि यह बीएसएफ में पहला प्लास्टिक-मुक्त चिकित्सा सम्मेलन था, जो कंपोजिट अस्पताल, बीएसएफ, श्रीनगर की एक हरित पहल थी।
बयान में कहा गया, “सीएमई की अध्यक्षता बीएसएफ के चिकित्सा निदेशालय के महानिरीक्षक/निदेशक (चिकित्सा) डॉ. उमेश तिवारी ने की, जिन्होंने अपने विशाल अनुभव के साथ पूरे सम्मेलन में पैनलिस्ट के रूप में कार्य किया। व्याख्यान बीएसएफ के पांच डॉक्टरों और जीएमसी श्रीनगर के दो विशेषज्ञों द्वारा दिए गए।”
जिन विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, उनमें सशस्त्र बलों में तनाव, एक लड़ाई, तीन मोर्चे: मोटापा, मधुमेह और फैटी लिवर, पीआईवीडी और रेडिकुलोपैथी, बंदूक की गोली से लगी चोट का केस प्रस्तुतीकरण, उच्च ऊंचाई की बीमारी, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त संकट और अस्पताल सुरक्षा प्रबंधन शामिल रहा।
बयान में कहा गया है कि ये सत्र आंखें खोलने वाले, शिक्षाप्रद, जानकारीपूर्ण और प्रेरक संदेश देने वाले थे।
“तनाव प्रबंधन बहुत जरूरी है, साथ ही जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों पर नियंत्रण और उपचार पर भी ध्यान देना जरूरी है। कश्मीर में प्रचलित पीआईवीडी, उच्च रक्तचाप, ऊंचाई से होने वाली बीमारियों जैसी बीमारियों का उचित निदान और उपचार समय की मांग है। हमारे अस्पतालों में आघात प्रबंधन और गुणवत्ता नियंत्रण बीएसएफ के अस्पतालों को नए स्तर पर ले जाएगा। जम्मू और कश्मीर मेडिकल काउंसिल ने इस सीएमई को चार क्रेडिट पॉइंट्स से मान्यता दी है।”
सम्मेलन में लगभग 50 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें घाटी भर के चिकित्सा अधिकारी और वरिष्ठ जनरल ड्यूटी अधिकारी शामिल थे।
बयान में कहा गया है, “इस सम्मेलन में हमारे सैनिकों की भलाई और स्वस्थ जीवनशैली को प्राथमिकता देने के मुद्दों पर प्रकाश डाला गया ताकि वे देश की बेहतर सेवा कर सकें।”