ओडिशा कांग्रेस नेता रामचंद्र कदम ने आईपीएस वाई. पूरन कुमार मामले में की सीबीआई जांच की मांग

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भुवनेश्वर, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। ओडिशा कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता रामचंद्र कदम ने मंगलवार को हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की मौत की निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की।

उन्होंने कहा कि आईपीएस अधिकारी के अंतिम नोट में जिन लोगों के नाम हैं, उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उनकी जांच की जाए।

कदम ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि सुसाइड नोट में कथित तौर पर वरिष्ठ अधिकारियों के नाम हैं। इन अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है, जो गंभीर गड़बड़ी का संकेत है। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्रीय एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए।

कांग्रेस नेता ने हरियाणा प्रशासन पर ऐसा माहौल बनाने का आरोप लगाया, जिसमें न्याय के लिए लड़ रहे एक दलित अधिकारी को अपनी जान लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि वाई. पूरन कुमार के परिवार को पूरी सुरक्षा और त्वरित कानूनी राहत मिलनी चाहिए।

कांग्रेस नेता कदम ने कहा, “मैं इस त्रासदी से बहुत व्यथित हूं। अगर नोट में वरिष्ठ अधिकारियों के नाम हैं तो उन्हें निलंबित और गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए। शोक संतप्त परिवार को न्याय मिलना चाहिए और आवाज उठाने वाले दलित अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि यह मामला सिस्टम की प्रॉब्लम को दर्शाता है। उन्होंने केंद्र तथा संबंधित प्राधिकारियों से शीघ्र कार्रवाई करने का आग्रह किया, ताकि प्रणाली में जनता का विश्वास बहाल हो सके।

इससे पहले कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चंडीगढ़ में दिवंगत आईपीएस वाई. पूरन कुमार के परिजनों से मुलाकात की।

उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग की और कहा कि हरियाणा सरकार तमाशा बंद करे। उन्होंने कहा, “आईपीएस के परिवार पर प्रेशर डालने की कोशिश की जा रही है, यह सही नहीं है।” उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार आरोपी अफसरों को अरेस्ट करे और दिवंगत आईपीएस का अपमान न करे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी एक्शन लेने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आईपीएस वाई. पूरन कुमार के परिवार को पर्सनली कमिटमेंट दिया है कि वह मामले में निष्पक्ष जांच करवाएंगे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अफसोस की बात है कि ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है।