नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस के तेल व्यापार पर दिए अपने बयान से हलचल पैदा कर दी है। ट्रंप ने दावा किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। इस पर भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने आईएएनएस से बातचीत की।
डेनिस अलीपोव ने कहा, “मुझे भारतीय प्रधानमंत्री और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच बातचीत की जानकारी नहीं है, लेकिन जो कुछ भी हो रहा है, वह भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय मामला है। हम इस समझ से आगे बढ़ते हैं कि भारत सरकार की नीतियां सबसे पहले भारतीय लोगों के हितों और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के हितों को दर्शाती हैं और ये लक्ष्य रूस-भारत संबंधों के विपरीत नहीं हैं।”
उन्होंने कहा कि वास्तव में यह एक तथ्य है कि हम विभिन्न मुद्दों पर भारत सरकार के साथ बहुत करीबी बातचीत कर रहे हैं। हमारे बीच एक विश्वसनीय संवाद है, एक बहुत व्यापक बातचीत है और भारत को रूसी तेल की आपूर्ति के हमारे पास आंकड़े हैं। हमारे बीच निरंतर सहयोग चल रहा है। मुझे लगता है कि हम भारत के साथ इस क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा जारी रखेंगे।
भारत और अमेरिका के संबंधों को लेकर रूसी राजदूत ने कहा, “जहां तक भारत और अमेरिका के संबंधों का सवाल है, हम उन मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। यह अमेरिका के साथ भारत का एक द्विपक्षीय संबंध है, और भारत का हमारे साथ एक द्विपक्षीय संबंध है। हम उन्हें स्वतंत्र मानते हैं। हमारा रिश्ता किसी के खिलाफ नहीं है। हमारा मानना है कि हमारी तेल आपूर्ति भारतीय अर्थव्यवस्था और भारतीय लोगों के लिए बहुत ही लाभदायक है।
उन्होंने कहा कि भारत-रूस के बीच व्यापारिक संबंध बढ़ रहे हैं। व्यावसायिक-से-व्यावसायिक संपर्क बढ़ रहा है। हम कई बड़ी, छोटी और बड़ी परियोजनाओं, द्विपक्षीय परियोजनाओं पर गहन चर्चा कर रहे हैं। हमारी चर्चा का यह क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है कि हम अपने आर्थिक संबंधों के और विस्तार और गहराई की ओर देख रहे हैं। यह हमारा द्विपक्षीय मार्ग है। यह हमारी अर्थव्यवस्थाओं और हमारे राष्ट्रों के लाभ के लिए स्वतंत्र रूप से विकसित हो रहा है और मुझे लगता है कि हमने अच्छे परिणाम प्राप्त किए हैं और हमारे सामने बहुत उज्ज्वल संभावनाएं हैं।
रूसी राजदूत ने जानकारी दी है कि भारत और रूस के बीच कई क्षेत्रों में चर्चा चल रही है और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा का इंतजार है। उन्होंने कहा, “तैयारियां चल रही हैं। हमारे सामने एक बहुत ही व्यापक एजेंडा है। इस लिहाज से यह यात्रा बहुत महत्वपूर्ण होगी। अर्थव्यवस्था, रक्षा और मानवीय क्षेत्र के लिहाज से हम इस वर्ष के अंत में रूसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा को अहम मान रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार अपने देश के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है और ऊर्जा के क्षेत्र में हमारा सहयोग इन हितों के अनुरूप है।