इस फेस्टिव सीजन में अपनों को दें फास्टैग एनुअल पास का तोहफा : केंद्र

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    नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्र ने शनिवार को कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का ‘राजमार्गयात्रा’ ऐप यूजर्स को फास्टैग एनुअल पास उपहार में देने की सुविधा देता है।
    सरकार ने नागरिकों से दिवाली और फेस्टिव सीजन में इसे यात्रियों के लिए एक आदर्श उपहार मानने का आग्रह किया।

    एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ऐप पर ‘ऐड पास’ विकल्प पर क्लिक कर और फिर प्राप्तकर्ता का वाहन नंबर और जिसे वे पास उपहार में देना चाहते हैं उसकी कॉन्टैक्ट डिटेल्स दर्ज कर पास को एक्टिव किया जा सकता है।

    सरल ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद, एनुअल पास उस वाहन से जुड़े फास्टैग पर एक्टिव हो जाएगा, जिससे बार-बार रिचार्ज किए बिना निर्बाध यात्रा की सुविधा मिल जाएगी।

    फास्टैग एनुअल पास राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को एक निर्बाध और किफायती यात्रा विकल्प प्रदान करता है और यह पूरे भारत में लगभग 1,150 टोल प्लाजा पर लागू है।

    एनुअल पास की कीमत 3,000 रुपए है और यह एक वर्ष या 200 टोल प्लाजा क्रॉसिंग तक वैलिड है।

    यह पास वैलिड फास्टैग वाले सभी नॉन-कमर्शियल व्हीकल्स के लिए लागू है।

    ‘राजमार्गयात्रा’ ऐप के माध्यम से वन-टाइम फी पेमेंट करने के बाद, वाहन से जुड़े मौजूदा फास्टैग पर एनुअल पास दो घंटे के भीतर एक्टिव हो जाता है।

    जब सीमा पूरी हो जाती है, तो फास्टैग स्वचालित रूप से स्टैंडर्ड-पे-पर ट्रिप मोड में बदल जाता है।

    पॉइंट-आधारित टोल प्लाजा के लिए प्रत्येक एकतरफा क्रॉसिंग को एक ट्रिप और वापसी को दो ट्रिप माना जाता है। बंद या टिकट सिस्टम में, पूरी प्रवेश-से-निकास यात्रा को एक ट्रिप माना जाता है।

    कुछ फास्टैग, विशेष रूप से नए वाहनों के लिए जारी किए गए, केवल वाहन के चेसिस नंबर के साथ पंजीकृत हो सकते हैं।

    ऐसे फास्टैग पर एनुअल पास एक्टिव नहीं किया जा सकता है और उन्हें पूरा वाहन पंजीकरण नंबर शामिल करने के लिए अपडेट किया जाना चाहिए।

    पास के लिए पेमेंट यूपीआई, डेबिट या क्रेडिट कार्ड, या नेट बैंकिंग के माध्यम से किया जा सकता है। फास्टैग वॉलेट बैलेंस का उपयोग इस उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता है।

    सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि फास्टैग एनुअल पास के 25 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हो गए हैं और लॉन्च के पहले दो महीनों के भीतर लगभग 5.67 करोड़ लेनदेन प्रोसेस किए गए हैं।