राजस्थान : पार्वती नदी में डूबने से दो चचेरे भाइयों की मौत, दीपावली की खुशियां मातम में बदलीं

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धौलपुर, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान के धौलपुर जिले के सैंपऊ क्षेत्र में शनिवार को एक दुखद हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। मानपुर गांव के पास पार्वती नदी में पशु चराने गए दो चचेरे भाइयों की डूबने से मौत हो गई। दीपावली के त्योहारी माहौल में हुई इस घटना ने गांव की खुशियों को मातम में बदल दिया।

मृतकों की पहचान 15 वर्षीय करन, पुत्र नरेश नाई, और 18 वर्षीय पुष्पेंद्र, पुत्र मावशी लाल, के रूप में हुई है। दोनों होनहार छात्र थे, जिनके निधन से परिजनों में कोहराम मचा है।

पूरी घटना शनिवार दोपहर की है, जब करन और पुष्पेंद्र सहित पांच लोग पशु चराने के लिए नदी किनारे गए थे। बताया जा रहा है कि करन का पैर अचानक फिसल गया और वह गहरे पानी में डूबने लगा। उसे बचाने के लिए पुष्पेंद्र ने भी नदी में छलांग लगा दी, लेकिन दोनों ही गहरे पानी की चपेट में आ गए। साथ गए तीन अन्य बच्चों ने चीख-पुकार मचाई और भागकर गांव में परिजनों को सूचना दी। सूचना मिलते ही ग्रामीण और सरपंच प्रतिनिधि शुभम कुमार मौके पर पहुंचे। कौलारी थाना पुलिस को सूचित किया गया, जिसके बाद थाना अधिकारी हरेंद्र सिंह और एएसआई योगेश तिवारी ने ग्रामीणों के सहयोग से दोनों के शव नदी से निकाले। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए बसई नवाब हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया गया।

करन कक्षा दसवीं का छात्र था और अपने पिता नरेश नाई की दो संतानों में छोटा था। वहीं, पुष्पेंद्र अपने पिता मावशी लाल की तीन संतानों में मंझला बेटा था। उसकी बड़ी बहन की शादी हो चुकी है, और अब परिवार में केवल छोटा बेटा ही बचा है। दोनों भाई पढ़ाई में मेधावी थे और अपने परिवार की उम्मीदों का केंद्र थे। सरपंच प्रतिनिधि शुभम कुमार ने बताया कि इस हादसे ने पूरे गांव को झकझोर दिया है। दीपावली के मौके पर हुई इस त्रासदी ने सभी को गहरे सदमे में डाल दिया है।

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थाना अधिकारी हरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह एक दुर्घटना प्रतीत हो रही है। प्रशासन ने परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों ने नदी के आसपास सुरक्षा उपायों की कमी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि नदी के किनारे कोई चेतावनी बोर्ड या रेलिंग नहीं थी, जिससे ऐसी घटनाएं होती हैं।

इस हादसे ने एक बार फिर नदियों और जलाशयों के आसपास सुरक्षा के अभाव को उजागर किया है। दीपावली जैसे बड़े पर्व से ठीक पहले हुई इस घटना ने न केवल मानपुर गांव, बल्कि पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैला दी है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। परिजनों और ग्रामीणों की आंखें नम हैं, और गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।