अखिलेश यादव का दीपावली पर बयान हिंदू विरोधी : संजय निरुपम

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मुंबई, 19 अक्‍टूबर (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के दीपावली की तुलना क्रिसमस से करने पर सियासत तेज हो गई है। शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने अखिलेश के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बेहद शर्मनाक बताया। उन्‍होंने कहा कि यह बयान हिंदू विरोधी मानसिकता को दिखाता है।

शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि अखिलेश यादव का दीपावली पर दिया गया बयान बेहद शर्मनाक है। दीपावली प्रकाश और अच्छाई के प्रतीक का पर्व है, जिसे अयोध्या में लाखों दीप जलाकर मनाना गर्व की बात है, न कि आलोचना का विषय।

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को यह समझना चाहिए कि जैसे क्रिसमस पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर रोशनी और उत्सव के साथ मनाया जाता है, वैसे ही हिंदू समाज भी दीपावली को भव्य रूप से मना सकता है। निरुपम ने आरोप लगाया कि हिंदू त्योहारों पर आपत्ति जताना अखिलेश यादव और उनकी पार्टी की हिंदू-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की आरएसएस पर विवादित टिप्‍पणी को लेकर शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्‍होंने कहा कि सिद्धारमैया और कांग्रेस पार्टी सनातन धर्म पर लगातार प्रहार कर आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बातें कर रही है, जिससे वे अपनी ही राजनीतिक कब्र खोद रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर के प्रति श्रद्धा जरूरी है, लेकिन उनके नाम पर हिंदू धर्म और संघ का विरोध कांग्रेस को भारी पड़ेगा। सिद्धारमैया को याद रखना चाहिए कि वे भी हिंदू हैं और उन्हें सत्ता कर्नाटक के हिंदुओं के वोटों की वजह से मिली है। बार-बार हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नतीजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान को लेकर निरुपम ने कहा कि सरकार की योजनाओं में कभी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता, फिर भी चुनावों के दौरान मुसलमानों के मन में भाजपा और शिवसेना के खिलाफ नफरत भरी जाती है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र सरकार की योजनाओं से हर वर्ग को लाभ मिला, विशेषकर मुस्लिम महिलाओं को लाडली बहना योजना से बड़ी सहायता मिली। इसके बावजूद मुस्लिम मतदाता एकजुट होकर शिवसेना के खिलाफ वोट करते हैं, यह निराशाजनक है। उन्होंने अपील की कि मुस्लिम समाज मौलानाओं के फतवों से ऊपर उठकर सोच-समझकर निर्णय ले।