सुपौल, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। नवंबर महीने में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस ने सुपौल विधानसभा सीट से मिन्नत रहमानी को प्रत्याशी घोषित किया है।
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने मिन्नत रहमानी के नाम पर मुहर लगाई है। इसकी आधिकारिक घोषणा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से की। विज्ञप्ति में साफतौर पर कहा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय चुनाव समिति ने 43-सुपौल विधानसभा क्षेत्र से मिन्नत रहमानी की उम्मीदवारी को मंजूरी दी है।
सुपौल विधानसभा क्षेत्र बिहार के प्रमुख राजनीतिक क्षेत्रों में से एक माना जाता है। यह क्षेत्र सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से काफी सक्रिय रहा है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मिन्नत रहमानी की उम्मीदवारी से कांग्रेस को मुस्लिम और युवा वर्ग के मतदाताओं में अच्छा समर्थन मिल सकता है।
भारत की आजादी के बाद सुपौल विधानसभा सीट लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रही। यहां सबसे पहला विधानसभा चुनाव 1952 में हुआ था, जब कांग्रेस के लहटन चौधरी ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1967 से 1972 तक यह सीट कांग्रेस के पास रही और पार्टी ने अपनी पकड़ बनाए रखी।
1990 से सुपौल की सियासत ने नया मोड़ लिया। इसी साल बिजेंद्र प्रसाद यादव ने जनता दल के टिकट पर पहली बार इस सीट से जीत हासिल की और तब से लेकर आज तक वे लगातार विधायक चुने जाते रहे हैं।
1990 और 1995 के चुनाव में वे जनता दल से विजयी हुए। इसके बाद, 2000 में पहली बार जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उसके बाद वे लगातार 2005, 2010, 2015 और 2020 में भी विधायक चुने गए।
इस तरह देखा जाए तो सुपौल की जनता पिछले 35 सालों से लगातार बिजेंद्र प्रसाद यादव को अपना नेता चुनती आ रही है। वे अब तक सात बार विधानसभा में पहुंच चुके हैं और 2025 के चुनाव में भी एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं।