नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री एवं उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के प्रभारी रविंद्र इंद्राज सिंह ने शुक्रवार को बवाना विधानसभा में बेगमपुर के भरत विहार घाट, शाहबाद डेयरी के पंच मंदिर घाट और रोहिणी के पंसाली घाट का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों तथा स्थानीय निवासियों के साथ स्थल पर चल रहे कार्यों की समीक्षा की और श्रमदान भी किया।
समाज कल्याण मंत्री ने सफाई कर्मचारियों के साथ स्वच्छता कार्य करने के साथ ही श्रमिकों के साथ घाटों के निर्माण कार्यों में भी सहभागिता की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार छठी मईया के पूजन, लोक आस्था के सम्मान और भक्ति के लिए भव्य और दिव्य आयोजन करेगी।
रविंद्र इंद्राज ने कहा कि मॉडल घाटों और सांस्कृतिक आयोजनों से दिल्ली में नई परंपरा की शुरुआत हो रही है। पूरी दिल्ली अब तक के सबसे भव्य आयोजन के लिए तैयार हो रही है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा, नवरात्रि, दशहरा और दीपावली के भव्य आयोजन के बाद अब छठ महापर्व का भव्य आयोजन होने जा रहा है।
समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में उपेक्षा का शिकार रहे छठ घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है। छठ व्रतियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए इस वर्ष व्यापक तैयारियां की गई हैं। श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए भव्य स्वागत द्वारों पर पुष्पवर्षा की तैयारी है। पिछले वर्ष जहां करीब 900 घाटों पर पूजा हुई थी, इस वर्ष यमुना तट के अलावा दिल्ली में करीब 1300 अन्य स्थलों पर छठ पूजा का आयोजन किया जाएगा। यमुना तट पर 17 भव्य मॉडल घाट होंगे। वहीं, दिल्ली में हर सब डिवीजन के स्तर पर भी मॉडल छठ घाट तैयार किया जा रहा है। करीब 200 घाटों पर भोजपुरी और मैथिली में धार्मिक-सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। सभी घाटों पर टेंट, बिजली, स्वच्छता, पेयजल, मोबाइल शौचालय, सफाईकर्मी और चिकित्सा वैन की व्यवस्था की जा रही है।
रविंद्र इंद्राज ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में यमुना किनारे छठ पूजा पर प्रतिबंध लगा था और पूजा करने वालों के खिलाफ मुकदमे होते थे। अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार ने प्रतिबंध भी हटाया और मुकदमे वापस लेने की घोषणा भी की। दिल्ली सरकार ने समय रहते सफाई अभियान, डिसिल्टिंग कार्य और घाट निर्माण का कार्य प्रारंभ किया ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित वातावरण मिल सके।
उन्होंने आग्रह किया कि छठ पर्व स्वच्छता, संस्कृति और सुशासन का प्रतीकबने, और, इस उद्देश्य को पूरा करने में सभी राजधानीराजधानीवासी सहयोग करें।













