मलेशिया में 47वां आसियान शिखर सम्मेलन शुरू, प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअली शामिल होंगे

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कुआलालंपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। मलेशिया में रविवार से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) का 47वां शिखर सम्मेलन शुरू हुआ। इस बार का विषय है – ‘समावेशन और स्थिरता’।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में मलेशिया नहीं जाएंगे, बल्कि वे रविवार को इसमें वर्चुअल माध्यम से भाग लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर बताया कि उन्होंने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से बात की और आसियान की अध्यक्षता संभालने पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने सम्मेलन की सफलता की कामना करते हुए भारत-आसियान के व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का संकल्प दोहराया।

मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम 26 से 28 अक्टूबर तक चलने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन में आसियान देशों के प्रमुखों के साथ-साथ अमेरिका, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों के प्रतिनिधियों की मेजबानी कर रहे हैं। कुल दस सदस्य देशों के साथ 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है।

बाहरी देशों में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मलेशिया की राजधानी में 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। ट्रंप आसियान नेताओं के साथ एक डिनर में शामिल होंगे और कंबोडिया-थाईलैंड के बीच शांति समझौते के साक्षी बनेंगे। यह संघर्ष विराम अनवर की मध्यस्थता के बाद समाप्त हुआ था।

इस सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग, चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग और जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री साने ताकाइची शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन भी इसमें भाग ले रहे हैं।

आसियान से ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोल्किया, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो, सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट, वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह, फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर, लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफांडोन, थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल और तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्ता के शामिल होने की उम्मीद है। तिमोर-लेस्ते इस बार संगठन का 11वां सदस्य बनने जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और अन्य वैश्विक संगठनों सहित संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों के भी इसमें शामिल होने की उम्मीद है, जबकि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से बैठकों में शामिल होंगे। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा भी उपस्थित लोगों में शामिल होंगे।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और म्यांमार के कार्यवाहक राष्ट्रपति सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग इसमें शामिल नहीं होंगे। रूस का प्रतिनिधित्व उप प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक करेंगे। वहीं, म्यांमार की सेना द्वारा 2021 में किए गए तख्तापलट के बाद से आसियान ने उसकी सैन्य सरकार को निमंत्रण नहीं देने का निर्णय लिया है।

सम्मेलन में आंतरिक बैठकों के अलावा, अमेरिका, चीन और जापान के साथ विशेष बैठकें भी होंगी।

आसियान की स्थापना 8 अगस्त 1967 को बैंकॉक में हुई थी। इसके सदस्य देश हैं– ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम।

मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर को उम्मीद है कि इस सम्मेलन से सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। व्यापार से जुड़ी चर्चा में अमेरिका के शुल्क (टैरिफ) और दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति पर खास जोर रहेगा। ट्रंप के टैरिफ के जवाब में, चीन ने दुर्लभ मृदा खनिजों पर निर्यात प्रतिबंध कड़े कर दिए हैं, जिसका असर दुनिया भर में महसूस किया जा रहा है।

सम्मेलन में म्यांमार के रोहिंग्या समुदाय की स्थिति, दक्षिण चीन सागर में तनाव और गाज़ा की स्थिति पर भी चर्चा होगी।