छठ पूजा: मुख्यमंत्री योगी बोले- लखनऊ का कोई ड्रेनेज या सीवर गोमती में नहीं गिरेगा

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लखनऊ, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोक आस्था का महापर्व छठ न सिर्फ आध्यात्मिक उन्नयन का माध्यम है, बल्कि सामाजिक एकता, प्राचीन भारतीय विरासत और प्रकृति से संवाद का प्रतीक भी है। गोमती तट के किनारे लक्ष्मण मेला मैदान में छठ घाट पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए।

कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने छठ गीतों का आनंद लिया और भोजपुरिया सनेश स्मारिका का विमोचन किया। सीएम ने भोजपुरी में संबोधन देकर श्रद्धालुओं में उत्साह भर दिया। उन्होंने कहा कि लखनऊ का कोई ड्रेनेज या सीवर गोमती में नहीं गिरेगा, पीलीभीत से गाजीपुर तक गोमती निर्मल व अविरल होगी।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि छठ महापर्व विश्वभर में बसे भोजपुरी समाज को आत्मशुद्धि और लोक कल्याण के मार्ग से जोड़ता है। उन्होंने भोजपुरी में शुभकामनाएं देते हुए कहा, “छठ मईया के कृपा सबके ऊपर बनल रहे, सभन लोगन के परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली रहे एकरे खातिन हम छठी माई से आशीर्वाद मांगत आनी जितना लोग व्रत बाटें उन्हें खातिर हम छठी माई से आशीर्वाद मांगत बानी की सबके भगवती उनके सपने के पूरा करें।”

उन्होंने कहा कि यह पर्व भारत की प्राचीन विरासत को दर्शाता है और प्रकृति से संवाद सिखाता है। उन्होंने चार दिनों की कठिन साधना में बहनों की तपस्या को विशेष रूप से सराहते हुए कहा कि यह परिवार की सुख-समृद्धि के साथ लोकमंगल की कामना से जुड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौराणिक काल से चली आ रही यह परंपरा अब पूरे भारत में फैल चुकी है। पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी इलाकों तक लाखों श्रद्धालु इस पर्व से जुड़ रहे हैं।

उन्होंने गाजियाबाद और नोएडा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां 50 हजार से एक लाख तक भक्त छठ मना रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि कोई मंदिर, सरोवर या तालाब ऐसा नहीं, जहां श्रद्धालु न जुड़े हों। यह एकता न सिर्फ सांस्कृतिक है, बल्कि राष्ट्रीय एकजुटता का भी संदेश देती है। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें एक-दूसरे के साथ जोड़ता है और सामाजिक बंधन मजबूत करता है।

सीएम योगी ने कहा कि कोई देश तब तक विकसित नहीं हो सकता, जब तक उसके नागरिक राष्ट्रीय कर्तव्य से नहीं जुड़ते। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान को छठ से जोड़ते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से चल रहा यह अभियान पर्यावरण संरक्षण का आधार है।

सीएम योगी ने सिंगल-यूज प्लास्टिक, पॉलीथिन और कूड़े के अंधाधुंध उपयोग पर रोक लगाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गंदगी के कारकों को हटाएं, उसे नदी-नालों में न फेंकें। अगर हर व्यक्ति इसका पालन करें तो आधे से अधिक समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का दायित्व है। नागरिकों के राष्ट्रीय कर्तव्य से जुड़े बिना राष्ट्र विकसित नहीं हो सकता। विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में यह प्रयास मदद करेगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में गोमती में जल स्तर कम होने और बदबू की शिकायतें आईं, लेकिन इस बार प्रशासन, सिंचाई विभाग, नगर निगम और स्वयंसेवी संगठनों की मेहनत से सुधार हुआ। उन्होंने बताया कि एक महीने पहले बैठकें हुईं और अखिल भारतीय भोजपुरी समाज ने स्वच्छता अभियान चलाया। परिणामस्वरूप, गोमती का जल शुद्ध और पर्याप्त है।

उन्होंने कहा कि जल का अर्घ्य अगर शुद्ध न हो तो भगवान कैसे स्वीकार करेंगे? पूजा स्थल की तरह नदी भी साफ-सुथरी होनी चाहिए। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि मंगलवार प्रातः आयोजन समाप्त होने के बाद स्वच्छता अभियान चलाएं। यह राष्ट्रीय कर्तव्य है, हर लखनऊवासी और प्रदेशवासी की जिम्मेदारी। सीएम ने अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के पदाधिकारियों की सराहना की और कहा कि सम-विषम परिस्थितियों में उन्होंने आयोजन को नई ऊंचाई दी।

—आईएएनएस

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