मुंबई, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। इंडियन मैरीटाइम वीक 2025 के शुभारंभ समारोह में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि समुद्री क्षेत्र में विकसित भारत का दृष्टिकोण तटीय राज्यों के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करता है।
उन्होंने कहा कि गोवा जैसे छोटे राज्य के पास भी जहाज निर्माण, समुद्री परिवहन और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं मौजूद हैं, जिन्हें सही दिशा में आगे बढ़ाकर राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि केंद्र सरकार की ‘विकसित भारत 2047’ और ‘मैरीटाइम इंडिया विजन 2030’ जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के अनुरूप गोवा भी अपने समुद्री ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है। इसका प्रभाव जल्द ही गोवा के जलमार्गों पर दिखाई देगा, जिससे राज्य में गतिशीलता, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ेंगी।
उन्होंने बताया कि गोवा सरकार ने समुद्री अवसंरचना के विकास, हरित ईंधन आधारित परिवहन को प्रोत्साहन, जहाज निर्माण नीति लागू करने और ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ मैरीटाइम एक्सीलेंस की स्थापना जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके अलावा जलमार्ग विकास और तटीय कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में भी तेजी से काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि गोवा, भारत की ब्लू इकोनॉमी में एक अहम योगदान दे रहा है। राज्य न केवल मछली पालन और तटीय पर्यटन जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है, बल्कि नई तकनीक और नीति सुधारों के जरिए नवीनतम समुद्री अर्थव्यवस्था मॉडल को भी अपनाने की दिशा में अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि गोवा, इंडिया की मैरीटाइम स्टोरी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। फिशिंग से लेकर टूरिज्म तक, गोवा की भागीदारी देश की समुद्री प्रगति में एक प्रेरक शक्ति बन चुकी है। ‘सागरमाला’ और ‘पीएम गति शक्ति’ जैसी पहल के जरिए गोवा अपनी कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक क्षमता को अपग्रेड कर रहा है। राज्य में युवाओं को मैरीटाइम सेक्टर में रोजगार के लिए प्रशिक्षण और कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे उन्हें भविष्य में वैश्विक अवसरों से जोड़ने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयासों से गोवा आने वाले वर्षों में भारत के समुद्री क्षेत्र का ‘ग्रोथ इंजन’ बनकर उभरेगा। गोवा की समुद्री नीतियां न केवल स्थानीय विकास को गति देंगी बल्कि भारत के वैश्विक समुद्री व्यापार में भी नई पहचान स्थापित करेंगी।













