एमसीएक्स पर गिरावट में खुलने के बाद सोना-चांदी की कीमतों में रिकवरी दर्ज

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    मुंबई, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सुबह के कारोबार में कीमती धातुओं की कीमत में गिरावट देखी गई। एमसीएक्स पर सोने और चांदी की कीमतों में यह गिरावट मजबूत अमेरिकी डॉलर के बीच इंटरनेशनल बुलियन कीमतों में गिरावट के कारण दर्ज की गई।

    एमसीएक्स पर सोना पिछले बंद भाव 1,21,508 रुपए प्रति 10 ग्राम के मुकाबले 0.29 प्रतिशत की गिरावट के बाद 1,21,148 प्रति 10 ग्राम खुला। वहीं, एमसीएक्स पर चांदी भी अपने पिछले बंद रेट 1,48,840 रुपए प्रति किलोग्राम के मुकाबले 0.47 प्रतिशत की गिरावट के बाद 1,48,140 प्रति किलोग्राम पर खुला।

    हालांकि, दोपहर के कारोबार में कुछ रिकवरी दर्ज की गई। दोपहर करीब 1 बजकर 2 मिनट पर 5 दिसंबर को खत्म होने वाला सोने का वायदा कॉन्ट्रैक्ट 0.37 प्रतिशत बढ़कर 1,21,901 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी का वायदा कॉन्ट्रैक्ट 1,49,753 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा था।

    शुरुआती गिरावट को ट्रेडर्स द्वारा महत्वपूर्ण अमेरिकी आर्थिक डेटा से पहले मुनाफावसूली के तौर पर देखा गया।

    अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड सुबह 0.5 प्रतिशत गिरकर 4,004 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, जो मजबूत डॉलर और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा आगामी ब्याज दरों की कम उम्मीदों के बीच दबाव में रहा। जबकि दिसंबर डिलीवरी के लिए अमेरिकी सोने का वायदा भाव 4,016.70 डॉलर प्रति औंस पर अपरिवर्तित रहा।

    शुक्रवार की शुरुआती गिरावट के बावजूद अक्टूबर में लगभग 3.9 प्रतिशत बढ़ने वाली पीली धातु अभी भी लगातार तीसरे महीने बढ़त की ओर है।

    अमेरिकी डॉलर इंडेक्स अभी भी अपने तीन महीने के उच्चतम स्तर के करीब कारोबार कर रहा था, जिससे आम तौर पर कीमती धातुओं में सेंटीमेंट कमजोर हुआ और अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए बुलियन कम आकर्षक हो गया।

    उधर, भारतीय शेयर बाजार की भी शुरुआत आज सपाट दर्ज की गई। दोपहर करीब 1 बजकर 12 मिनट पर सेंसेक्स 189.90 अंक या 0.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,214.56 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 69 अंक या 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,808.85 स्तर पर बना हुआ था।

    बाजार के जानकारों ने कहा कि ट्रंप-शी समिट से यूएस-चीन ट्रेड वॉर में केवल साल भर की शांति मिली है, यह कोई बड़ी ट्रेड डील नहीं है। इसे लेकर कुछ हद तक मार्केट पार्टिसिपेंट्स में निराशा रही।