बीजिंग, 1 नवंबर (आईएएनएस)। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू संग्रहालय में राष्ट्रपति ली जे-म्यांग के साथ वार्ता की। नवंबर की सुनहरी धूप और ग्योंगजू की शरद ऋतु की बहार में, राष्ट्रपति शी का गर्मजोशी से स्वागत दक्षिण कोरियाई सम्मान गार्ड और राष्ट्रपति ली जे-म्यांग ने किया।
शी चिनफिंग ने उनके साथ गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी ली, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच औपचारिक वार्ता हुई।
शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और दक्षिण कोरिया एक-दूसरे के महत्वपूर्ण पड़ोसी और अविभाज्य साझेदार हैं। राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से 33 वर्षों में, दोनों देशों ने सामाजिक व्यवस्थाओं और विचारधाराओं में मतभेदों को पार किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया है और पारस्परिक सफलता व समान समृद्धि हासिल की है।
शी के अनुसार, यह स्पष्ट हो चुका है कि चीन-दक्षिण कोरिया संबंधों का स्थिर और स्वस्थ विकास दोनों देशों के बुनियादी हितों के अनुरूप है और समय की मांग भी यही है। चीन, चीन-दक्षिण कोरिया संबंधों को बहुत महत्व देता है, और इस देश के साथ मिलकर संचार को मजबूत करते हुए सहयोग को गहरा करना चाहता है, आम हितों का विस्तार करने के साथ-साथ चुनौतियों का सामना करना चाहता है, चीन-दक्षिण कोरिया रणनीतिक सहकारी साझेदारी के स्थिर और दीर्घकालिक विकास को बढ़ावा देना चाहता है, ताकि क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए और अधिक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान किया जा सके।
शी चिनफिंग ने चीन-दक्षिण कोरिया संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत के लिए चार प्रमुख सुझाव दिए। पहला, रणनीतिक संचार को मजबूत करते हुए आपसी विश्वास की नींव को मजबूत करें। चीन-दक्षिण कोरिया संबंधों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखें, आपसी सम्मान के आधार पर मिलकर विकास करें, मतभेदों को दरकिनार करते हुए समान जीत वाले सहयोग को प्राप्त करें। चीन और दक्षिण कोरिया को एक-दूसरे की सामाजिक व्यवस्थाओं और विकास पथों का सम्मान करते हुए, एक-दूसरे के मूल हितों और प्रमुख चिंताओं का ध्यान रखना चाहिए और मैत्रीपूर्ण परामर्श के माध्यम से विरोधाभासों और मतभेदों का उचित ढंग से समाधान करना आवश्यक है।
दूसरा, आपसी लाभ वाले सहयोग को गहरा करते हुए साझा हितों वाले संबंधों को मजबूत करें। चीन दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर पारस्परिक लाभ और उभय जीत के सिद्धांत को कायम रखते हुए, चीन-दक्षिण कोरिया मुक्त व्यापार समझौते पर दूसरे चरण की वार्ता में तेजी लाना चाहता है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जैव-औषधि, हरित उद्योग और रजत अर्थव्यवस्था जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं का पता लगाना चाहता है और आर्थिक व व्यापारिक सहयोग के उन्नयन को बढ़ावा देने को तैयार है।
तीसरा, राष्ट्रीय भावना को बढ़ाएं और आपसी समझ को बढ़ावा दें। दोनों देशों के बीच आपसी समझ को बेहतर बनाने और जनमत की नींव को मजबूत करने के लिए स्वस्थ और लाभकारी सांस्कृतिक आदान-प्रदान किया जाना चाहिए। कार्मिक आदान-प्रदान को सुगम बनाते हुए युवाओं, मीडिया, थिंक टैंकों, स्थानीय समुदायों के बीच आवाजाही, दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि चीन-दक्षिण कोरिया संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हो सके।
चौथा, बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करते हुए शांतिपूर्ण विकास को संयुक्त रूप से बढ़ावा दें। एपेक बैठक के अलगे मेजबान देश के रूप में चीन विभिन्न पक्षों के साथ मिलकर एशिया-प्रशांत मुक्त व्यापार क्षेत्र और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहता है, ताकि संयुक्त रूप से एशिया-प्रशांत समुदाय का निर्माण किया जा सके।
शी चिनफिंग ने 20वीं सीपीसी केंद्रीय समिति के चौथे पूर्णाधिवेशन में पारित ’15वीं पंचवर्षीय योजना’ प्रस्ताव पर प्रकाश डाला और कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था का आधार ठोस है। इसके कई लाभ हैं। यह लचीली है और इसमें अपार संभावनाएं हैं। चीन उच्च-स्तरीय खुलेपन का दृढ़तापूर्वक विस्तार करेगा और दुनिया के अन्य देशों के साथ विकास के अवसरों को साझा करेगा।
वार्ता में, राष्ट्रपति ली जे-म्यांग ने शी चिनफिंग की 11 वर्षों बाद हुई इस राजकीय यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया, चीन के साथ अपने संबंधों को गहराई से महत्व देता है और परस्पर लाभकारी सहयोग के लिए चीन के साथ मिलकर काम करना चाहता है।
उन्होंने दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान को बनाए रखते हुए, राजनीतिक दलों और स्थानीय सरकारों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ाने तथा मतभेदों को उचित ढंग से संभालने पर प्रकाश डाला और कहा कि चीन की ’15वीं पंचवर्षीय योजना’ अगले पांच वर्षों के लिए आर्थिक विकास की दिशा और प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित करती है। दक्षिण कोरिया चीन के साथ आपसी लाभ वाले सहयोग को मजबूत करते हुए औद्योगिक श्रृंखला व आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता बनाए रखना चाहता है, ताकि दोनों देशों के लोगों को अधिक लाभ पहुंचाया जा सके।
इसके अलावा, राष्ट्रपति ली जे-म्यांग ने चीन द्वारा 2026 में एपेक नेताओं की अनौपचारिक बैठक की मेजबानी के समर्थन की घोषणा की और कहा कि वह चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर समन्वय बढ़ाने के इच्छुक हैं, ताकि मिलकर शांति और विकास को आगे बढ़ाया जा सके।
वार्ता के बाद दोनों देशों के राष्ट्रपतियों की उपस्थिति में व्यापार, वित्त, कृषि, कानून प्रवर्तन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में कई सहयोग दस्तावेजों का आदान-प्रदान हुआ।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

