परंपरा और प्रौद्योगिकी का सम्मिश्रण कॉयर की वैश्विक सफलता की कुंजी है: उपराष्ट्रपति

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नई दिल्‍ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)। भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सोमवार को कोल्लम में फेडरेशन ऑफ इंडियन कॉयर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (एफआईसीईए) के सदस्यों के साथ बातचीत की। इस बातचीत में प्रतिष्ठित निर्यातकों, उद्योग जगत के दिग्गजों और एफआईसीईए के सदस्यों ने भारत के कॉयर क्षेत्र की उल्लेखनीय वृद्धि और लचीलेपन का जश्न मनाया।

सीपी राधाकृष्णन ने संबोधन में कहा कि भारतीय कॉयर उद्योग को वैश्विक मंच पर आगे बढ़ाने में निर्यातकों और हितधारकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। एफआईसीईए के सदस्यों ने कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि इस अवधि के दौरान निर्यात दोगुना हो गया था, जो सामूहिक प्रयासों और उद्योग-व्यापी सहयोग का परिणाम था।

उपराष्ट्रपति ने टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों की ओर वैश्विक बदलाव से उत्पन्न अवसरों पर जोर दिया। उन्होंने ब्रांडिंग, गुणवत्ता और बाजार पहुंच बढ़ाने के लिए पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक के साथ मिलाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

निर्यातकों को एकजुट करने, हितों की रक्षा करने और वैश्विक बाजारों में भारतीय कॉयर की मजबूत उपस्थिति सुनिश्चित करने में एफआईसीईए की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने हितधारकों को साझेदारी की भावना को और मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि ‘भारतीय कॉयर’ को दुनिया भर में स्थिरता, गुणवत्ता और नवाचार का पर्याय बनाया जा सके।

राधाकृष्णन ने विश्वास व्यक्त किया कि मजबूत नेतृत्व और सतत सहयोग के साथ, कॉयर उद्योग नए मील के पत्थर हासिल करता रहेगा, विश्व स्तर पर चमकेगा, और भारतीय शिल्प कौशल की स्थायी भावना का उदाहरण प्रस्तुत करेगा।