पैदल मुसाफिरों के लिए नोएडा गोलचक्कर पर बनेगा आधुनिक स्काईवॉक, ट्रैफिक रहेगा स्मूद

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नोएडा, 4 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली से नोएडा आने-जाने वाले लाखों वाहन रोजाना नोएडा के व्यस्त गोलचक्कर सेक्टर-1, 2, 14 और 15 से होकर गुजरते हैं। यह शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले पॉइंट्स में से एक है। पीक आवर में यहां पैदल चलने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक रहती है, जिसके कारण बार-बार जाम की स्थिति बनती है और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने इस चौराहे पर आधुनिक स्काईवॉक बनाने का निर्णय लिया है, जिससे पैदल यात्री बिना सड़क पार किए सुरक्षित और तेजी से अपनी दिशा में जा सकेंगे।

यह स्काईवॉक सेक्टर-1, 2, 14 और 15 को जोड़ते हुए इंडियन ऑयल क्रॉसिंग के ऊपर बनाया जाएगा। यात्री सड़क पर उतरने के बजाय सीधे स्काईवॉक के जरिए दूसरी तरफ पहुंच सकेंगे, जिससे भारी ट्रैफिक लगातार चलता रहेगा और जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।

प्राधिकरण की योजना के अनुसार, स्काईवॉक में दोनों ओर स्वचालित सीढ़ियां (एस्केलेटर) लगाई जाएंगी, जबकि दिव्यांग और बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए लिफ्ट भी उपलब्ध रहेगी। इससे हर आयु वर्ग के लोगों को बिना किसी परेशानी के पार करने की सुविधा मिलेगी।

प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्णा करुणेश, जीएम आरपी सिंह और अन्य अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने इस परियोजना को शुरू करने के निर्देश जारी किए। अब इसका विस्तृत डिजाइन तैयार किया जाएगा और डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनने के बाद लागत का अनुमान तय होगा। सबसे खास बात यह है कि इस स्काईवॉक का निर्माण बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर मॉडल पर किए जाने की संभावना है।

इस मॉडल के तहत निर्माण करने वाली निजी कंपनी स्काईवॉक का निर्माण और रखरखाव करेगी तथा विज्ञापन के माध्यम से अपनी लागत निकाल सकेगी। जब परियोजना अपनी लागत पूरी कर लेगी, तब इसका संचालन प्राधिकरण के पास आ जाएगा।

अधिकारी मानते हैं कि स्काईवॉक के बन जाने से पैदल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी, सड़क पर उतरने की जरूरत खत्म होगी और रोजाना लगने वाला जाम काफी हद तक समाप्त हो जाएगा। साथ ही, सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आने की उम्मीद है।

यातायात विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की आधुनिक संरचनाएं बड़े शहरों में ट्रैफिक प्रबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी हैं और नोएडा में यह एक बड़ी राहत साबित होगी। इस परियोजना के शुरू होने के बाद नोएडा के गोलचक्कर पर पैदल चलने वालों को नई सुविधा मिलेगी और सड़क पर वाहनों का प्रवाह भी स्मूद रहेगा।